करोड़पति बनना है तो अपनी प्रोग्रामिंग को बदले
- करोड़पति बनने का रहस्य -
दोस्तों,अब जब कुछ दिन बाद ही हम धन की देवी ( लक्ष्मी ) यानी दीपावली का त्यौहार मनाने जा रहे हैं तो कई लोग इस अवसर पर धन प्राप्ति हेतु कई प्रकार के टोटके बताने लगते है | ऑनलाइन सर्च करने पर आपको ऐसे टोटको की भरमार मिल जाएगी जो कि सिवाय बकबास के कुछ नहीं है | लेकिन ऐसे में धन- संपत्ति के बारे में चर्चा प्रासंगिक जरूर हो जाती है | आपने देखा होगा कि कुछ लोग अपने व्यवसाय में कड़ी मेहनत करते हैं उनके अंदर व्यावसायिक योग्यताएं भी होती है , विशेषज्ञ ज्ञान भी होता है, बावजूद इन सबके वे ज्यादा सफल नहीं हो पाते ,उनके पास धन मुश्किल से ही आ पाता है | दूसरी तरफ कई लोग पारस पत्थर की तरह होते हैं वे जिस चीज को छू लेते हैं वह सोने में बदल जाती है | कहने का तात्पर्य यह है कि उनके पास धन बड़ी आसानी से आता है | आपने सोचा है कभी इसका कारण क्या है ? हर आदमी करोड़पति क्यों नहीं बन पाता या प्रत्येक व्यक्ति वित्तीय रूप से सफल क्यों नहीं हो पाता है ? एक बार पैसे बनाने के बाद व्यक्ति वापस से दिवालिया क्यों हो जाता है ?
इन सब का कारण है- उनके मस्तिष्क की धन के प्रति प्रोग्रामिंग | जी हां, जिस तरह से धन के बाहरी नियमों में व्यवसायिक ज्ञान, धन का प्रबंधन और निवेश तकनीकें जैसी चीजें सम्मिलित है उसी तरह से धन की आंतरिक नियम भी होते हैं जो आपके मस्तिष्क की प्रोग्रामिंग से संबंध रखते हैं | किसी कार्य को करने के उपकरण से ज्यादा महत्वपूर्ण कार्यकर्ता होता है | यदि आपके पास किसी कारण से बहुत सा पैसा आ जाए और आप भीतर से इसके लिए तैयार ना हो तो इस बात की पूरी संभावना है कि वह पैसा आपके पास ज्यादा समय तक नहीं टिकेगा और आप उसे गँवा दोगे, क्योंकि आप की प्रोग्रामिंग या आंतरिक क्षमता उस धन को बनाए रखने हेतु आने वाली चुनौतियों से निपटने की नहीं होती है | जैसे -लॉटरी जीतने वाले | हालांकि कभी-कभी उपयुक्त वित्तीय प्रोग्रामिंग वाले व्यक्ति भी धन गँवा देते हैं लेकिन कुछ समय बाद ही वे उसे न केवल वापस प्राप्त कर लेते हैं बल्कि पहले से कहीं ज्यादा संपत्ति कमाते हैं | जैसे कि- डोनाल्ड ट्रंपAdd caption - यह भी पढ़े -अमीर कैसे बने :सरल एवं व्यावहारिक तकनीक अब हम यहां इस बात पर विचार करेंगे कि धन की प्रोग्रामिंग क्या है ,और यह कैसे होती है ? दोस्तों हम सबकी धन एवं सफलता की व्यक्तिगत प्रोग्रामिंग होती है जो हमारे अवचेतन में छिपी रहती है | हमारी वित्तीय प्रोग्रामिंग धन के प्रति हमारे विचारों ,भावनाओं और कार्यों के तालमेल का परिणाम होती है | इस प्रोग्रामिंग का मूल स्रोत होता है- हमारा अतीत | बचपन से लेकर अब तक हमारे जीवन में आए सभी लोग यथा माता-पिता, अभिभावक ,भाई- बहन, शिक्षक, सामाजिक संपर्क वाले व्यक्ति, धर्मगुरु, मीडिया ,संस्कृति आदि सभी हमारे धन के प्रति नजरिया को प्रभावित करते हैं | यह सब मिलकर हमारे विचारों की कंडीशनिंग करते हैं, यह प्रोग्रामिंग हमारे विचारों को उत्पन्न करते हैं, विचार, भावनाओं को एवं भावनाएं हमारे कार्यों को दिशा देते हैं और कार्य ही परिणामों को उत्पन्न करते हैं |
बचपन से ही धन के प्रति हमारे मस्तिष्क की यह प्रोग्रामिंग तीन मुख्य तरीकों से की जाती है- प्रथम- शब्दों के द्वारा- जैसे -पैसा ही सारी बुराई की जड़ है ,अमीर लोग लालची होते हैं ,पैसा पेड़ पर नहीं लगता है, पैसा कमाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है, पैसा खुशी नहीं खरीद सकता, अमीर ज्यादा अमीर व गरीब ज्यादा गरीब बनते हैं, हर कोई अमीर नहीं बन सकता , हम इसका खर्चा नहीं उठा सकते इत्यादि | इस तरह के नकारात्मक वाक्य हमारे अवचेतन में जाकर मस्तिष्क की इस तरह से प्रोग्रामिंग करते हैं कि पैसा हमसे दूर ही रहता है | यह भी पढ़े -अमीरी चाहते हो तो नेटवर्थ पर फोकस करे न की इनकम पर
मस्तिष्क की प्रोग्रामिंग का दूसरा तरीका है- देखकर या अनुसरण द्वारा अर्थात हम बड़े होते समय अपने माता-पिता या अभिभावको को देख रहे होते हैं कि वह धन के मामले में किस तरह का व्यवहार कर रहे हैं | उनका धन का प्रबंधन कैसा है ? फिजूल खर्च है या मितव्ययी , अच्छे निवेशक हैं या बुरे ,जोखिम लेते हैं या सुरक्षित खेलते हैं, परिवार में पैसा स्थाई रूप से एवं आसानी से आता है या उतार-चढ़ाव आते रहते हैं व पैसे के लिए संघर्ष करना पड़ता है | सामान्यतया धन के मामले में हम अपने माता या पिता या दोनों के तालमेल के अनुसार होते हैं | कभी-कभी इन के एकदम विपरीत भी होते हैं उसका कारण माता- पिता के प्रति क्रोध या विद्रोह होता है | धन की प्रोग्रामिंग का तीसरा तरीका है -धन दौलत एवं अमीर लोगों के बारे में आपके अनुभव | अमीर लोग ज्यादा सुखी -संतुष्ट होते हैं या गरीब लोग ? पैसा लोगों को स्वतंत्रता प्रदान कर रहा है या गुलामी ?आपका अनुभव इस बारे में कैसा रहा है यह सब आपके अवचेतन प्रोग्रामिंग करता रहता है |
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अब आप स्वयं यह देखें कि धन के मामले में आपकी वर्तमान प्रोग्रामिंग कैसी है और यह आपको किस ओर ले जा रही है- सफलता या वित्तीय असफलता | आप आर्थिक रूप से संपन्न है या विपन्न , धन के लिए संघर्ष कर रहे हैं या यह आसानी से आ रहा है ,स्थाई व नियमित आमदनी है या अनियमित रूप से पैसा आ रहा है | लगातार वित्तीय सफलता प्राप्त कर रहे हैं या आर्थिक उतार-चढ़ाव आते रहते हैं | यह सब आपकी वित्तीय प्रोग्रामिंग का परिणाम है | धन के संबंध में आपके मस्तिष्क की प्रोग्रामिंग, थर्मोस्टेट (तापमान स्थिर करने वाला यंत्र )की तरह होती है |आपका थर्मोस्टेट यदि प्रति साल पचास लाख की आमदनी पर निश्चित है तो आपका बिजनेस उतना ही अच्छा चलेगा कि आपको उतनी आमदनी हो जाए | यदि आप की प्रोग्रामिंग एक करोड़ पर तय है और मंदी की वजह से आप उस स्तर पर नहीं पहुंच पा रहे हैं तो चिंता ना करें अगले वर्ष आप उसकी क्षतिपूर्ति कर लेंगे, क्योंकि यह धन का निश्चित नियम है |
दोस्तों, धन के संबंध में आप की प्रोग्रामिंग को बदलने या दुबारा सेट करने हेतु टी ० हार्व एकर द्वारा अपनी पुस्तक "सीक्रेट्स ऑफ द मिलेनियर माइंड" में 4 स्टेप बताए गए हैं जिसमें- प्रथम- जागरूकता - अर्थात खुद पर,अपने विचारों पर नजर रखें ,सचेत बने ,अपने विचारों, डरो, विश्वासों, आदतों , कार्यों एवं निष्क्रियता के ऊपर ध्यान दें, क्योंकि किसी चीज का कोई अर्थ नहीं है सिवाय उस अर्थ के जो आप उसे देते हैं | अपने बारे में पूरा अध्ययन करें | अतीत की प्रोग्रामिंग एवं पुरानी आदतों के आधार पर रोबोट की तरह ना जिए ,वर्तमान पल में सही चुनाव कर जिए | दितीय-समझ - शब्दों, अनुसरण एवं अनुभव के द्वारा निर्मित अतीत की प्रोग्रामिंग के आपके जीवन में पड़ने वाले प्रभावों को समझे | तृतीय-अलगाव -शब्दों के द्वारा , देखने के द्वारा या अनुभव के माध्यम से निर्धारित वित्तीय प्रोग्रामिंग के बारे में जागरूकता से समझ पैदा कर उस नकारात्मक प्रोग्रामिक से स्वयं को अलग करने का प्रयास करें |
चतुर्थ-घोषणा- यह जोर से बोले जाने वाले सकारात्मक कथन है ,जिनमें तीव्र ऊर्जा होती है और ये घोषणाएं महत्वपूर्ण है क्योंकि जब आप दिल पर हाथ रख कर जोर से घोषणा करते हैं तो यह शरीर की कोशिकाओं में कंपन पैदा करती है यह न केवल ब्रह्मांड को स्पष्ट संदेश देती है बल्कि यह आपके अवचेतन को भी सशक्त संदेश देती है | प्रत्येक दिन सुबह-सुबह एवं रात को सकारात्मक घोषणा जोर से करें | आईने के सामने करने से इनका प्रभाव और बढ़ जाता है | जैसे आपको अपनी शाब्दिक प्रोग्रामिंग को बदलना है तो -" धन के बारे में मैंने जो भी सुना था उसका सच होना जरूरी नहीं है, मैं सोचने के नए तरीके अपनाने का विकल्प चुनता हूं जो मेरे सुख और सफलता को बढ़ाते हैं | " इसी तरह से आप अपने अनुसरण एवं अनुभव संबंधी प्रोग्रामिंग को भी सकारात्मक घोषणाओं के द्वारा बदल सकते हैं |
@ आप पैसा क्यों कमाना चाहते हैं ? इसका कारण बहुत महत्वपूर्ण है यदि आप डर, गुस्सा या खुद को साबित करने हेतु पैसा कमाना चाहते हैं तो वह पैसा आपको कभी सुखी नहीं बनाएगा | इसके बजाय आप किसी महत्वपूर्ण उद्देश्य या योगदान हेतु अथवा खुशी प्राप्त करने के किसी अन्य कारण को अपनी प्रेरणा बनाएं | @ यदि तुम्हें दौलतमंद बनना है तो उसी तरह से सोचो जिस तरह से अमीर लोग सोचते हैं और वही काम करो जो अमीर लोग करते हैं क्योंकि ज्यादातर अमीर लोग एक ही तरीके से सोचते हैं और एक ही तरीके से काम करते हैं |
तो दोस्तों अब आप समझ गए होंगे कि धन दौलत सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में आपकी सफलता या असफलता जो तय करता है वह है -आपका मस्तिष्क |
अब आप स्वयं यह देखें कि धन के मामले में आपकी वर्तमान प्रोग्रामिंग कैसी है और यह आपको किस ओर ले जा रही है- सफलता या वित्तीय असफलता | आप आर्थिक रूप से संपन्न है या विपन्न , धन के लिए संघर्ष कर रहे हैं या यह आसानी से आ रहा है ,स्थाई व नियमित आमदनी है या अनियमित रूप से पैसा आ रहा है | लगातार वित्तीय सफलता प्राप्त कर रहे हैं या आर्थिक उतार-चढ़ाव आते रहते हैं | यह सब आपकी वित्तीय प्रोग्रामिंग का परिणाम है | धन के संबंध में आपके मस्तिष्क की प्रोग्रामिंग, थर्मोस्टेट (तापमान स्थिर करने वाला यंत्र )की तरह होती है |आपका थर्मोस्टेट यदि प्रति साल पचास लाख की आमदनी पर निश्चित है तो आपका बिजनेस उतना ही अच्छा चलेगा कि आपको उतनी आमदनी हो जाए | यदि आप की प्रोग्रामिंग एक करोड़ पर तय है और मंदी की वजह से आप उस स्तर पर नहीं पहुंच पा रहे हैं तो चिंता ना करें अगले वर्ष आप उसकी क्षतिपूर्ति कर लेंगे, क्योंकि यह धन का निश्चित नियम है |
जिस तरह से कमरे के तापमान को स्थाई रूप से बदलने के लिए हमें थर्मोस्टेट को रिसेट करना पड़ता है उसी तरह से हमें भी वित्तीय सफलता के स्तर को स्थाई रूप से बदलने हेतु हमारे मस्तिष्क की प्रोग्रामिंग को बदलकर दोबारा रिसेट करनी पड़ेगी | इसके अलावा कोई और दूसरा तरीका नहीं है | आप चाहे कितना ही बिजनेस, सेल्स, मार्केटिंग, सौदेबाजी या प्रबंधन का ज्ञान बढ़ा ले, रियल एस्टेट, शेयर बाजार के विशेषज्ञ बन जाए ,निश्चित रूप से यह धन संपदा के क्षेत्र में सफलता क़े जबरदस्त टूल है लेकिन जब तक आपका आंतरिक टूलबॉक्स एक बड़ी दौलत उत्पन्न करने एवं कायम रखने लायक शक्तिशाली नहीं है तो अंत में आपको असफलता ही प्राप्त होगी | इसलिए कहा जाता है -"आपकी आमदनी सिर्फ उसी हद तक बढ़ती है जिस हद तक आप बढ़ते हैं l"
दोस्तों, धन के संबंध में आप की प्रोग्रामिंग को बदलने या दुबारा सेट करने हेतु टी ० हार्व एकर द्वारा अपनी पुस्तक "सीक्रेट्स ऑफ द मिलेनियर माइंड" में 4 स्टेप बताए गए हैं जिसमें- प्रथम- जागरूकता - अर्थात खुद पर,अपने विचारों पर नजर रखें ,सचेत बने ,अपने विचारों, डरो, विश्वासों, आदतों , कार्यों एवं निष्क्रियता के ऊपर ध्यान दें, क्योंकि किसी चीज का कोई अर्थ नहीं है सिवाय उस अर्थ के जो आप उसे देते हैं | अपने बारे में पूरा अध्ययन करें | अतीत की प्रोग्रामिंग एवं पुरानी आदतों के आधार पर रोबोट की तरह ना जिए ,वर्तमान पल में सही चुनाव कर जिए | दितीय-समझ - शब्दों, अनुसरण एवं अनुभव के द्वारा निर्मित अतीत की प्रोग्रामिंग के आपके जीवन में पड़ने वाले प्रभावों को समझे | तृतीय-अलगाव -शब्दों के द्वारा , देखने के द्वारा या अनुभव के माध्यम से निर्धारित वित्तीय प्रोग्रामिंग के बारे में जागरूकता से समझ पैदा कर उस नकारात्मक प्रोग्रामिक से स्वयं को अलग करने का प्रयास करें |
चतुर्थ-घोषणा- यह जोर से बोले जाने वाले सकारात्मक कथन है ,जिनमें तीव्र ऊर्जा होती है और ये घोषणाएं महत्वपूर्ण है क्योंकि जब आप दिल पर हाथ रख कर जोर से घोषणा करते हैं तो यह शरीर की कोशिकाओं में कंपन पैदा करती है यह न केवल ब्रह्मांड को स्पष्ट संदेश देती है बल्कि यह आपके अवचेतन को भी सशक्त संदेश देती है | प्रत्येक दिन सुबह-सुबह एवं रात को सकारात्मक घोषणा जोर से करें | आईने के सामने करने से इनका प्रभाव और बढ़ जाता है | जैसे आपको अपनी शाब्दिक प्रोग्रामिंग को बदलना है तो -" धन के बारे में मैंने जो भी सुना था उसका सच होना जरूरी नहीं है, मैं सोचने के नए तरीके अपनाने का विकल्प चुनता हूं जो मेरे सुख और सफलता को बढ़ाते हैं | " इसी तरह से आप अपने अनुसरण एवं अनुभव संबंधी प्रोग्रामिंग को भी सकारात्मक घोषणाओं के द्वारा बदल सकते हैं |
यह भी पढ़े -सफलता पाने का 10000 घंटे का नियम क्या है ?
धन के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण टिप्स - @ कभी भी मुश्किल समय के लिए पैसा ना बचाये क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं तो बदले में आपको क्या मिलेगा -मुश्किल समय | बजाय इसके आप खुशहाल समय के लिए पैसा जोड़ें या वित्तीय स्वतंत्रता हेतु धन संग्रह करें | आकर्षण के नियम के अनुसार आपको वह प्राप्त हो जाएगा |
@ आप पैसा क्यों कमाना चाहते हैं ? इसका कारण बहुत महत्वपूर्ण है यदि आप डर, गुस्सा या खुद को साबित करने हेतु पैसा कमाना चाहते हैं तो वह पैसा आपको कभी सुखी नहीं बनाएगा | इसके बजाय आप किसी महत्वपूर्ण उद्देश्य या योगदान हेतु अथवा खुशी प्राप्त करने के किसी अन्य कारण को अपनी प्रेरणा बनाएं | @ यदि तुम्हें दौलतमंद बनना है तो उसी तरह से सोचो जिस तरह से अमीर लोग सोचते हैं और वही काम करो जो अमीर लोग करते हैं क्योंकि ज्यादातर अमीर लोग एक ही तरीके से सोचते हैं और एक ही तरीके से काम करते हैं |
तो दोस्तों अब आप समझ गए होंगे कि धन दौलत सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में आपकी सफलता या असफलता जो तय करता है वह है -आपका मस्तिष्क |
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जय हो श्री श्री....
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