369 MANIFESTATION TECHNIQUE- 369 कोड क्या है ? 369 को टे स्ला कोड क्यों कहा जाता है ? क्यूँ 3,6 एवं 9 को दिव्य नंबर या ब्रह्माण्ड के सीक्रेट कोड कहा जाता है ? क्या 369 Manifestation Technique से जो चाहे वह प्राप्त कर सकते है ? दोस्तों, हम हर समय अपने लिए,अपनों के लिए या कभी-कभी दूसरों के लिए भी कुछ ना कुछ चाहते रहते हैं ,हमारी यह चाहत हमेशा पूरी नहीं होती है | ...
17 second manifestation technique of abraham hicks- withrbansal, दोस्तों,आपने "अब्राहम हिक्स" की "17 सेकंड तकनीक " के बारे में सुना एवं पढ़ा होगा | क्या है यह 17 second manifestation technique ? किस प्रकार से इस 17 सेकंड मेनिफेस्टेशन मेथड का उपयोग किया जाता है ? क्या वाकई में यह काम करता है ? ...
अष्टावक्र गीता की शिक्षाएं- withrbansal, दोस्तों,क्या ऐसा संभव है कि किसी को सुनते-सुनते ही आत्मज्ञान हो जाए ? जी हां, यह संभव है | आत्मज्ञान बहुत ही सरल है | घोड़े पर चढ़ने के लिए उसके पागड़े में एक पांव रखे व दूसरे पागड़े में पैर रखने में जितना समय लगता है,उससे भी कम समय में आत्म ज्ञान प्राप्त हो सकता है | शास्त्रों में लिखे गए उक्त कथन की सत्यता को सिद्ध किया है- ऋषि अष्टावक्र द्वारा | राजा जनक को "अष्टावक...
श्री निसर्गदत्त महाराज: एक महान जाग्रत जीवात्मा withrbansa l , दोस्तों, आप में से शायद बहुत कम लोगों के द्वारा ही श्री निसर्गदत्त महाराज का नाम सुना होगा लेकिन अध्यात्म में रूचि रखने वाले लोगो के मध्य एक जाना पहचाना नाम है - श्री निसर्गदत्त महाराज | कौन है,श्री निसर्ग दत्त महाराज ? महान आध्यात्मिक उपदेशक एवं दार्शनिक श्री निसर्गदत्त महाराज उर्फ़ बीड़ी बाबा का नाम उन गिने-चुने लोगो...
सफलता का आसान तरीका-"कुछ करो" का सिद्धांत- withrbansal दोस्तों, सफलता एवं असफलता दोनों अपने आप में सापेक्षिक अवधारणाएं हैं | यह आप के मानदंडों पर निर्भर करते हैं कि आप क्या सोचते है l भौतिक उपलब्धियां सफलता का कोई ठोस मानदंड नहीं है | आपके पास बहुत सारी धन-संपत्ति होने के बावजूद भी आप दयनीय हो सकते हैं और दूसरी तरफ आप पूरी तरह से टूटने के बावजूद भी खुश हो सकते हैं | ऐसे में सफलता इसी बात पर निर्भर करत...
क्या नियति(Destiny) एवं स्वतंत्र इच्छा(free will) दोनों विपरीत शक्तियां है- withrbansal , दोस्तों, हजारों वर्षों से विभिन्न ग्रंथों,ज्योतिष एवं आध्यात्मिक चर्चाओं में इस प्रश्न पर विचार किया जाता रहा है कि नियति (destiny )क्या है,क्या जीवन में सब कुछ पहले से निर्धारित है या फिर हम खुद अपनी नियति का निर्माण कर सकते हैं ? क्या नियति (destiny ) को बदला जा सकता है ? यहां "नियति"(destiny ) से तात्पर्य उन निश्चित एवं अटल दैवी विधान से है जो कि सामान्यता पूर्व नियत और मनुष्य के ललाट पर लिखे माने जाते है ...
अमीरों की तारीफ करों औरअमीर बनो - withrbansal दोस्तों, इस धरती पर सबसे मुश्किल काम है किसी की प्रशंसा करना | विशेषकर जब बात सफल या अमीर लोगों की आती है तो अधिकांश लोगों का मन कड़वाहट से भर जाता है ,वे उन्हें ईर्ष्या या डाह की दृष्टि से देखते हैं | अमीरों के बारे में ज्यादातर लोगों की मानसिकता तथ्यो से परे होती है | वे इन्हें या तो किस्म...
withrbansal मन से आजादी कैसे प्राप्त करें - दोस्तों, आत्मज्ञान, ज्ञान-प्राप्ति, Enlightenment जैसे शब्द बड़े भारी भरकम लगते हैं या यूं कहें कि कुछ तथाकथित अध्यात्मवेत्ताओं के द्वारा जानबूझकर इन्हें इतना दुरूह बना दिया गया है ताकि एक सामान्य आदमी इसे कोई अलौकिक या दिव्य उपलब्धि माने और इसे एक ऐसा लक्ष्य माने जिसे पाना उसके लिए संभव ही ना हो | ...
withrbansal मृत्यु से इतना भय क्यूँ है ? दोस्तों, मौत या मृत्यु एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में कोई व्यक्ति न तो सोचना चाहता है और न हीं बात करना | यदि कभी कोई इस बारे में चर्चा छेड़ भी देता है तो सामने वाला यह कहकर चुप करा देता है- "अरे यार तुम यह मरने -मारने की बातें क्यों कर रहे हो | " इसका कारण है-मृत्यु से अत्यधिक भय | मौत हम सब को डराती है , हम इसके बारे में सोचने से बचते हैं, ब...
मनुष्य के दुःखों का मूल कारण क्या है - दोस्तों, दुःख क्या है ? दुःख का अर्थ क्या है ? मनुष्य के दुखों का कारण क्या है ? दुःखो से मुक्ति के उपाय या दुखों से मुक्ति कैसे प्राप्त करें ? यह कुछ ऐसे शाश्वत प्रश्न है जिन पर सदियों से मनीषियों के द्वारा चिंतन किया जाता रहा है | आखिर यह दुःख है क्या ? सामान्यतया दुःख का अर्थ ऐसी अवस्था से है जब हम शारीरिक या मानसिक कष्ट या पीड़ा को महसूस करते हैं | दुःख सामान्यता तीन प्रकार के माने गए हैं-आ...
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