सफलता पाने का 10000 घंटे का नियम क्या है ?
withrbansal TEN THOUSAND HOURS RULE-
दोस्तों, "सफलता " वर्तमान में एक ऐसा शब्द बन गया है जिसके कान में पड़ते ही हर युवा अलर्ट हो जाता है ,क्योंकि वह खोज रहा है, ऐसा कोई जादुई फार्मूला जिसे गटक कर वह रातों-रात सफल हो जाए | आज इंटरनेट,सोशल मीडिया, यूट्यूब जैसे माध्यमों पर लाखों तथाकथित मोटीवेटर दिन-रात" सफलता -सफलता "शब्दों का जाप कर रहे हैं , इस हेतु वे कई प्रकार के आकर्षक, जादुई लेकिन मनमाने सिद्धांतों का निर्माण कर विभिन्न माध्यमों से बेच रहे हैं | इन सब से लक्षित युवा वर्ग सफल हो रहा हो या नहीं लेकिन एक बात तय है कि इन तथाकथित मोटीवेटर की दुकानें बहुत अच्छे से चल रही है |
जैसा कि हम सब जानते हैं कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है और किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने हेतु हमें एक निश्चित लक्ष्य की दिशा में पूर्ण समर्पण, एकाग्रता एवं ठोस रणनीति के साथ निरंतर बरसो कठिन परिश्रम करना पड़ता है | प्रसिद्ध लेखक व पत्रकार "मैलकम ग्लैडवैल" अपनी प्रसिद्ध पुस्तक" आउटलॉयर्स " में यह समझाने का प्रयास करते हैं कि किसी व्यक्ति द्वारा जीवन में प्राप्त असाधारण सफलता के पीछे किन तत्वों का योगदान होता है | उसके द्वारा प्राप्त सफलता में उसके परिवार, जन्म स्थान, जन्म तिथि एवं उसे प्राप्त अवसरों की कितनी भूमिका होती है | क्योंकि सफलता की कहानी जितनी नजर आती है उससे कहीं ज्यादा जटिल एवं रोचक होती है |
हालांकि विद्वानों के मध्य इस बात पर भी एक राय नहीं है कि प्रतिभा जन्मजात होती है या उसे तराशा जा सकता है लेकिन एक बात निश्चित है कि सफलता में प्रतिभा के साथ तैयारी का होना आवश्यक है | यहाँ उस व्यक्ति के द्वारा सफलता हेतु की गई कड़ी तैयारी में उसके परिवार, जन्म स्थान, जन्म तिथि ,अवसरों इत्यादि की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है | "मैलकम ग्लैडवैल " द्वारा सफलता या किसी कार्य में उत्कृष्टता ( विशेषज्ञता )प्राप्त करने हेतु 10000 घंटे के नियम ( Ten Thousand Hours Rule )का प्रतिपादन किया गया है | यह नियम कहता है कि यदि आपको किसी क्षेत्र में विशेष सफलता या विशेषज्ञता प्राप्त करनी है तो उससे पहले आपको कम से कम 10000 घंटे का समय उस कार्य में निवेश करना होगा | माना यदि आप प्रतिदिन 8 घंटे का समय उस कार्य में देते हैं तो आपको उस क्षेत्र में माहिर होने के लिए लगभग साढ़े 3 वर्ष का समय चाहिए |
अपने सिद्धांत के समर्थन में ग्लैडवेल के द्वारा 1990 के दशक में" एलिट अकैडमी ऑफ म्यूजिक" बर्लिन में प्रोफेसर एरिक्सन के द्वारा किए गए अध्ययनों का हवाला दिया गया | इन अध्ययनों में एकेडमी के वायलिन वादकों को तीन समूहों में बांटा गया | अध्ययन में यह पाया गया कि प्रथम समूह( जिसमे सभी उत्कृष्ट वायलिन वादक थे ) के द्वारा तब तक 10000 घंटों से अधिक अभ्यास कर लिया गया था | शेष समूहों के द्वारा तब तक नहीं किया गया था | इसी प्रकार के निष्कर्ष शौकिया एवं पेशेवर पियानों वादकों केअध्ययन में पाए गए |
उपरोक्त उदाहरणों से यह बात स्पष्ट है कि लगभग सभी असाधारण सफल व्यक्तियों को (कोई संदेह नहीं है कि वे बेहद प्रतिभाशाली थे ) असाधारण अवसरों का लाभ भी मिला था | क्योंकि 10000 घंटा एक बहुत लंबा समय होता है और किसी भी बच्चे के लिए अपने दम पर इतना अभ्यास करना बहुत मुश्किल कार्य होता है | इसके लिए माता-पिता का अमीर होना ,उनका पूर्ण समर्थन एवं प्रोत्साहन होना बहुत ही जरूरी होता है या फिर कोई ऐसा असाधारण अवसर मिल जाए जो आपको इतने घंटे तक मेहनत करने का मौका दें | इसके बिना आप चाहे कितने भी प्रतिभाशाली हो ,सफल होना संदिग्ध ही रहेगा |
हालांकि आलोचकों द्वारा इस "10000 घंटे नियम " की आलोचना भी की जाती रही है | कहा जाता है कि हालाँकि यह नियम एक आकर्षक नियम है जो कि याद रखने में आसान है और यह एक साधारण कारण संबंध बनाने की मानवीय इच्छा को संतुष्ट करता है | लेकिन इसमें 10,000 की संख्या को मनमाने ढंग से चुना गया है ,साथ ही मात्रा पर अनावश्यक बल दिया गया है एवं गुणवत्ता की उपेक्षा की गई है | कार्यों की यांत्रिक पुनरावृत्ति से पेशेवर विशेषज्ञता नहीं आती है |
आलोचनाओं के बावजूद यह बात निश्चित है कि यदि आपमें प्रतिभा है और आप निरंतर सुधार या निखार की मानसिकता से अपेक्षित मात्रा में दस हजार घंटे (10000 Hours ) अभ्यास करते हैं तो आपको सफल होने से नहीं रोका जा सकता है | withrbansal
जैसा कि हम सब जानते हैं कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है और किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने हेतु हमें एक निश्चित लक्ष्य की दिशा में पूर्ण समर्पण, एकाग्रता एवं ठोस रणनीति के साथ निरंतर बरसो कठिन परिश्रम करना पड़ता है | प्रसिद्ध लेखक व पत्रकार "मैलकम ग्लैडवैल" अपनी प्रसिद्ध पुस्तक" आउटलॉयर्स " में यह समझाने का प्रयास करते हैं कि किसी व्यक्ति द्वारा जीवन में प्राप्त असाधारण सफलता के पीछे किन तत्वों का योगदान होता है | उसके द्वारा प्राप्त सफलता में उसके परिवार, जन्म स्थान, जन्म तिथि एवं उसे प्राप्त अवसरों की कितनी भूमिका होती है | क्योंकि सफलता की कहानी जितनी नजर आती है उससे कहीं ज्यादा जटिल एवं रोचक होती है |
इसी प्रकार के अन्य अध्ययनों में भी यह बात सामने आई कि किसी विश्व स्तरीय विशेषज्ञ बनने लायक महारथ हासिल करने के लिए 10000 घंटों का न्यूनतम अभ्यास जरूरी होता है | संगीत,खेल , लेखन, बिजनेस, चिकित्सा इत्यादि सहित कोई सा भी क्षेत्र हो यह माना जाता है कि मस्तिष्क को उन सारी चीजों को आत्मसात करने में कम से कम 10000 घंटे लगते हैं जिनकी जरूरत सच्ची विशेषज्ञता प्राप्त करने में होती है | यह सिद्धांत उन लोगों के बारे में भी सच पाया गया जिन्हें हम जन्मजात प्रतिभा का धनी मानते हैं जैसे कि- मोजार्ट |
मोजार्ट के बारे में यह माना जाता है कि वे 6 वर्ष की उम्र से ही संगीत की रचनाएं करने लगे थे, लेकिन वह भी तब तक लय में नहीं आ पाए या यूं कहें कि उनकी भी महानतम रचनाएं तब तक नहीं आई है जब तक कि उन्होंने 10000 घंटे की मेहनत नहीं कर ली | 10000 घंटे (Ten thousand hours ) का यह नियम बिल जॉय, बिल गेट्स ,बीटल्स आदि सहित सभी असाधारण रूप से सफल व्यक्तियों पर लागू होता है | बिल जॉय, जो कि "सन माइक्रोसिस्टम्स "नामक कंपनी के सह संस्थापक, इंटरनेट के एडिसन एवं कंप्यूटर इतिहास में बिल गेट्स के समकक्ष मारे जाते हैं, वे भी यह सफलता इसलिए प्राप्त कर सके कि उन्हें इससे पूर्व मिशीगन यूनिवर्सिटी एवं बर्कले में 10000 घंटे प्रोग्रामिंग करने का अवसर प्राप्त हुआ था ,जो कि तत्कालीन परिस्थितियों में बहुत ही दुर्लभ सुसंयोग था | इसी प्रकार के अवसर प्रसिद्ध रॉकबैंड" बीटल्स "को प्राप्त हुए थे | बीटल्स के जॉन लेनन, पौल मैककार्टनी, जॉर्ज हैरिसन एवं रिंगो स्टार ने उस समय जब 1964 से यूएसए में धूम मचाना शुरू किया उससे पूर्व उनके द्वारा जर्मनी में "हैम्बर्ग स्ट्रिप क्लब" में 10000 घंटे का लाइव प्रदर्शन किया जा चुका था |
बिल गेट्स के मामले में तो उन्हें नियति द्वारा असाधारण अवसर प्रस्तुत किए गए और उन सारे अवसरों की खास बात यह थी कि उन्हें इससे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में अतिरिक्त अभ्यास करने का समय प्राप्त हुआ और जब उनके द्वारा हावर्ड की पढ़ाई बीच में छोड़ कर अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू की गई तब तक वे 10000 घंटे से अधिक की अनवरत प्रोग्रामिंग कर चुके थे, जो कि उस वक्त शायद ही किसी किशोर को ऐसा अवसर प्राप्त हुआ हो | यह सब अविश्वसनीय रूप से सौभाग्यशाली संयोगो की वजह से हुआ था |
उपरोक्त उदाहरणों से यह बात स्पष्ट है कि लगभग सभी असाधारण सफल व्यक्तियों को (कोई संदेह नहीं है कि वे बेहद प्रतिभाशाली थे ) असाधारण अवसरों का लाभ भी मिला था | क्योंकि 10000 घंटा एक बहुत लंबा समय होता है और किसी भी बच्चे के लिए अपने दम पर इतना अभ्यास करना बहुत मुश्किल कार्य होता है | इसके लिए माता-पिता का अमीर होना ,उनका पूर्ण समर्थन एवं प्रोत्साहन होना बहुत ही जरूरी होता है या फिर कोई ऐसा असाधारण अवसर मिल जाए जो आपको इतने घंटे तक मेहनत करने का मौका दें | इसके बिना आप चाहे कितने भी प्रतिभाशाली हो ,सफल होना संदिग्ध ही रहेगा |
हालांकि आलोचकों द्वारा इस "10000 घंटे नियम " की आलोचना भी की जाती रही है | कहा जाता है कि हालाँकि यह नियम एक आकर्षक नियम है जो कि याद रखने में आसान है और यह एक साधारण कारण संबंध बनाने की मानवीय इच्छा को संतुष्ट करता है | लेकिन इसमें 10,000 की संख्या को मनमाने ढंग से चुना गया है ,साथ ही मात्रा पर अनावश्यक बल दिया गया है एवं गुणवत्ता की उपेक्षा की गई है | कार्यों की यांत्रिक पुनरावृत्ति से पेशेवर विशेषज्ञता नहीं आती है |
आलोचनाओं के बावजूद यह बात निश्चित है कि यदि आपमें प्रतिभा है और आप निरंतर सुधार या निखार की मानसिकता से अपेक्षित मात्रा में दस हजार घंटे (10000 Hours ) अभ्यास करते हैं तो आपको सफल होने से नहीं रोका जा सकता है | withrbansal
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