क्या हमारे जीवन का कोई अर्थ है या फिर यह सब बकवास है ?
withrbansal
जीवन क्या है और हम यहां इस धरती पर क्यों है ?
जीवन क्या है ? मैं इस धरती पर क्यों आया हूं ? क्या मेरे जीवन का कोई अर्थ है या फिर यह बस एक दुर्घटना है ?
दोस्तों,यह सवाल हम सभी के मन में कभी ना कभी जरूर आते हैं, खासकर तब-- जब हम अकेले होते हैं या असफल होते हैं या जब लगता है कि जिंदगी ठहर सी गई है या फिर जब सब कुछ होते हुए भी जीवन में एक खालीपन सा महसूस होता है | हम में से अधिकांश लोग इन सवालों को "चिल " करने के किसी भी बहाने से टाल जाते हैं लेकिन कुछ ही ऐसे हैं जो इन सवालों के गहराई से जवाब खोजने की कोशिश करते हैं |
दोस्तों,सबसे पहले हम विज्ञान,दर्शन और आध्यात्म तीनों दृष्टिकोण से यह समझने का प्रयास करते हैं कि जीवन क्या है और वाकई में इसका कोई उद्देश्य है या फिर यह सब हमारे संघर्षो को मायने देने हेतु हमारे मन की कोरी कल्पना है ,एक सांत्वना,या एक मायाजाल है |
1. विज्ञान के अनुसार जीवन एक "केमिकल एक्सीडेंट" है |
विज्ञान का मानना है कि आज से लगभग चार अरब वर्ष पूर्व जीवन की उत्पत्ति एक "कोशिका" के रूप में केमिकल एक्सीडेंट से हुई है और धीरे-धीरे विकास प्रक्रिया से हम आज यहां तक पहुंचे हैं |
डार्विन का विकासवाद कहता है कि जीवन का कोई पूर्व निर्धारित उद्देश्य नहीं है,यदि कोई उद्देश्य है भी तो वह है -- जीवित रहने के लिए अनुकूलन करके हमारे डीएनए को आगे बढ़ाना अर्थात वंश वृद्धि |
लेकिन फिर यहां सवाल यह उठता है कि जब हम डीएनए की मशीन है तो फिर प्रेम,कला,त्याग,सेवा,सृजन ,करुणा, देशभक्ति,मृत्यु का भय जैसे मानवीय भाव का क्या है ? क्यों कोई मां अपने बच्चों के लिए जान दे देती है, क्यों कोई व्यक्ति अपने सिद्धांतों या देश के लिए मृत्यु का वरण कर लेता है ?
2.भारतीय एवं पश्चिमी दर्शन ने जीवन को अलग-अलग ढंग से देखा है |
भारतीय दर्शन--भारतीय दर्शन में जीवन केवल एक ही नहीं है ,यह आत्मा की जन्म-जन्मान्तरो की एक सतत यात्रा है और उस आत्मा का अंतिम लक्ष्य - परमात्मा में मिलना अर्थात मोक्ष है |
पश्चिमी दर्शन-- प्रसिद्ध पश्चिम दार्शनिक "अल्बर्ट कैमू " कहता है - जीवन मूलतया निरर्थक है लेकिन हम अपने कर्मों एवं सोच से उसे अर्थ दे सकते हैं |
3.अध्यात्म के अनुसार जीवन का अर्थ "खुद को जानना" है |
अध्यात्म जीवन को आत्मा की अभिव्यक्ति मानता है | यह संसार एक पाठशाला है जहां आत्मा विभिन्न अनुभवों के माध्यम से "कर्म के सिद्धांत" को समझती है,सीखती है और धीरे-धीरे अपने अहंकार को त्याग कर "आत्मज्ञान" को प्राप्त करती है |
दोस्तों, वर्तमान में कुछ लोगों के द्वारा यह कहा जा रहा है कि जीवन का कोई उद्देश्य या अर्थ नहीं है, इन सब की तलाश के पीछे हम बस वह कारण ढूंढ रहे हैं जिससे हमारे दुख,संघर्ष और अकेलेपन को कोई अर्थ मिल जाए , लेकिन यह पूर्णतया सच नहीं है |
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इसे हम यहां एक सच्ची कहानी से समझते हैं -
गोपाल एक छोटा सा किसान है | रोज सुबह पांच बजे उठकर पशुओं को चारा डालता है,दोपहर को खेतों में काम करता है,शाम को बच्चों को पढ़ाता है | उसके पास न कोई बड़ी डिग्री है,ना कोई सोशल मीडिया फोलोआर्स | लेकिन गांव में किसी को भी मदद चाहिए होती है तो वह सबसे पहले गोपाल को याद करता है | अब आप बताएं -- क्या गोपाल का जीवन व्यर्थ है ? शायद नहीं | क्योंकि उसका जीवन उन कई लोगों के लिए मायने रखता है जिनके जीवन में वह किसी भी प्रकार से बदलाव ला रहा है |अर्थात कई बार जीवन का अर्थ बड़ी उपलब्धियों में नहीं बल्कि छोटी-छोटी चीजों में छुपा होता है |
क्या एक बीमार एवं चलने-फिरने में असमर्थ लाचार वृद्ध माता के जीवन के कोई मायने नहीं है ? मायने है उन लोगों के लिए जो उनसे जुड़े हुए हैं,जो उनकी आंखों में प्रेम और दिल में आशीर्वाद महसूस करते हैं और उनका यहां इस धरती पर होना ही उनके लिए सब कुछ है |
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❤ जीवन के अर्थ का मतलब - कोई बड़ा उद्देश्य होना नहीं है |
यदि आप मानते हैं जीवन का कोई अर्थ नहीं है तो कल्पना करें कि-- आप एक फिल्म देख रहे हैं | कहानी है, किरदार है,भावनाएं हैं लेकिन कोई क्लाइमैक्स नहीं है,कोई मकसद नहीं है | फिर भी आप उस फिल्म से जुड़ जाते हैं - आप हंसते हैं,रोते हैं | वैसे ही हमारा जीवन भी हो सकता है | कोई बड़ा उद्देश्य चाहे ना हो लेकिन हम अपने अनुभव , रिश्तों और कार्यों से उसे अर्थ देते हैं |
❤ जीवन का अर्थ खोज नहीं जाता है- अपितु रचा जाता है |
अक्सर हम जीवन का अर्थ बाहर खोजते हैं--किसी किताब में ,किसी गुरु के प्रवचनों में या किसी दर्शन में | लेकिन सच्चाई यह है कि जीवन का अर्थ पाया नहीं जाता है बल्कि जीवन को जीकर स्वयं द्वारा रचा जाता है | जीवन एक खाली कैनवस या खाली दीवार की तरह है जिसका खुद से कोई अर्थ नहीं है लेकिन जब उसमें हम कोई पेंटिंग बनाते हैं- एक सूरज,एक पेड़ एक,मुस्कुराता बचपन | तब वह दीवार अथवा कैनवस अर्थ से भर जाता है | इसी तरह से हमारा जीवन भी न तो पूरी तरह से अर्थपूर्ण है ना ही पूरी तरह से बकवास | यह एक खाली कैनवस जैसा है जिसमें हम अपने रिश्तों,सृजन,सेवा,अनुभव,प्रेम एवं संघर्षों से अर्थ भरते हैं |
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❤ जीवन का अर्थ हर एक के लिए अलग-अलग हो सकता है |
जीवन-उद्देश्य हर एक के लिए व्यक्तिगत अनुभव है और यह समय के साथ बदल भी सकता है | जीवन का मतलब - किसी के लिए मजे करना है,किसी के लिए सेवा है ,किसी के लिए ढेर सारे पैसे बनाना है तो किसी के लिए कोई चीज का सृजन करना है |
एक शिक्षक के लिए--छात्र का भविष्य बनाना ही जीवन का अर्थ है |
एक मां के लिए-- बच्चों की मुस्कान ही उसका मकसद है |
एक कलाकार-- अपनी कला से लोगों के दिल को छू लेना चाहता है |
एक साधक -- आत्मज्ञान प्राप्त कर अपना जीवन सफल करना चाहता है |
एक मजदूर --ईमानदारी से अपनी रोजी-रोटी कमाकरअपने परिवार का पालन पोषण करना ही उसका जीवन उद्देश्य है |
❤ हम जीवन को कभी-कभी अर्थहीन क्यों मानने लगते हैं |
जब जीवन में कठिनाइयां प्रवेश करती है-- रिश्ते टूटते हैं,नौकरी छूटती है, व्यवसाय फेल हो जाता है,स्वास्थ्य बिगड़ता है , तब हम अक्सर यह सोचने लगते हैं - जीवन बकवास है,अर्थहीन है | ऐसा इसलिए कि यह अपने जीवन की जिम्मेदारी से भागने का एक आसान तरीका है | सच बात तो यह है कि जीवन के दुख ही हमें जीवन की गहराइयों में ले जाते हैं | कभी-कभी सबसे बड़ा अर्थ,सबसे बड़े दर्द से पैदा होता है |
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❤ बिना मकसद के भी जीवन सुंदर हो सकता है |
एक नजर प्रकृति पर डालते है -- फूल इसलिए नहीं खिलते हैं कि उन्हें किसी को प्रभावित करना है,वह बस खिलते हैं | पक्षी इसलिए नहीं गाते हैं कि उन्हें कोई पुरस्कार लेना है,वह गाते हैं क्योंकि उन्हें गाना है | पेड़ फल देते हैं,सूरज रोशनी देता है,नदिया पानी देती है,क्योंकि "देना" उनकी प्रकृति है ना कि बदले में उन्हें कुछ प्राप्त करना है | क्या यह सब बकवास है ? नहीं तो , फिर हमारा जीवन कैसे हो सकता है ? जिंदगी का कोई बड़ा मिशन होना आवश्यक नहीं है | जिंदगी को मुस्कुराते हुए जीना और किसी के होठों पर मुस्कुराहट ला देना ही जीवन में पर्याप्त होता है |
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❤ हम जीवन में अर्थ की रचना कैसे कर सकते हैं |
जब हमने यह मान लिया है कि " जीवन का अर्थ वह है-- जो हम इसे देते हैं |" तो सवाल यह उठता है कि--कैसे ? यहां कुछ छोटे-छोटे तरीके हैं --
👉 खुद से सवाल करें-- मुझे क्या करने में खुशी मिलती है ? मै किसी की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए क्या कर सकता हूं ?
👉 छोटे-छोटे काम से शुरुआत करें-- रोज कोई एक अच्छा काम करें | छोटी सी मदद,धन्यवाद कहना,आभार व्यक्त करना,किसी की दिल से सुनना अच्छी किताबे पढ़ना इत्यादि |
👉 प्रतिदिन मेडिटेशन करें-- हर रोज 10 मिनट,शांति से,एकांत में,आंख बंद कर बैठे-- जीवन उद्देश्य की स्पष्टता आएगी |
👉 प्रकृति से जुड़े-- अपनों के नाम एक पेड़ लगाइए | पक्षियों को दाना-पानी की व्यवस्था करिए | यह छोटे-छोटे काम भी बड़े अर्थ ला सकते हैं |
जीवन कोई गणित का सवाल नहीं है,जिसका एक ही उत्तर हो | जीवन तो संगीत है-- हर किसी का सुर,लय,ताल अलग है | लेकिन सब मिलकर वह एक सुंदर रचना बनती है | हमारा जीवन भी उसी का एक हिस्सा है | हो सकता है,आज हमारा जीवन उलझा हुआ हो लेकिन हर दिन,हर अनुभव,हर रिश्ता हमारे जीवन में कुछ ना कुछ अर्थ जोड़ता है | हमारा जीवन अधूरा हो सकता है,लेकिन निरर्थक नहीं है |
दोस्तों,जीवन का अर्थ--किसी बड़ी किताब में छुपा हुआ नहीं है, जिसे हमें खोजना है,यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में ही है | हर वो काम जिससे हम खुद से और दूसरों से जुड़ते हैं,वही जीवन को अर्थ देता है | जीवन को अर्थ देने के लिए बड़े काम करने जरूरी नहीं है-- एक मुस्कान,एक गीत, एक छोटी सी मदद,एक एहसास-- और यही बन जाते हैं--जीवन के असली अर्थ |
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