अच्छे रिसीवर बने ,धन की तो बरसात होगी
withrbansal अमीर अच्छे रिसीवर होते है-
दोस्तों, मैं अपने लेखों में ज्यादा से ज्यादा धन-संपत्ति के बारे में चर्चा करता रहता हूं, इसका कारण धन का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होना है | जो भी यह कहता है कि पैसा महत्वपूर्ण नहीं है, समझ लो वह कंगाल है | पैसे के संबंध में अधिकांश लोग डबल स्टैंडर्ड रखते हैं | धन उन्हें चाहिए होता है लेकिन साथ ही धन को समस्त बुराइयों की जड़ बताना भी वह नहीं भूलते हैं | कई लोग तर्क देते हैं कि पैसा बाकी चीजों जितना महत्वपूर्ण नहीं है,तो कुछ लोग मानते हैं कि पैसा खुशी नहीं दे सकता | लेकिन उपरोक्त सारे तर्क मस्तिष्क की घटिया प्रोग्रामिंग है | यह कहना बेबकूफी है कि पैसा जीवन की बाकी चीजों जितना महत्वपूर्ण नहीं है | हमारे शरीर में हाथ ज्यादा महत्वपूर्ण है या पैर या दोनों | निश्चित रूप से दोनों | यही बात पैसा एवं खुशी के संबंध में भी लागू होती है | पैसा और खुशी दोनों जरूरी है |
कहा गया है कि पैसा वह "ऑयल" है जो जीवन में हमें" घिसटने "के बजाय" फिसलने "की ताकत देता है | पैसा स्वतंत्रता देता है, अपनी मनचाही चीजें खरीदने की स्वतंत्रता, अपना समय मनचाहे तरीके से बिताने की स्वतंत्रता | संसार की समस्त अच्छी चीजों का आनंद लेने का अवसर प्रदान करता है | यह आपको मौका देता है कि आप दूसरों को नौकरी देकर या अन्य किसी प्रकार से दूसरों की जरूरतों को पूरा कर सकें | सबसे बड़ी बात तो यह है कि पैसा आपको एक सम्मानजनक एवं स्वाभिमान पूर्ण जीवन प्रदान करता है |
इतना महत्वपूर्ण होने के बावजूद क्या कारण है कि दुनिया में बहुत कम लोगों के पास ही पर्याप्त पैसा है ?अधिकांश लोग जीवन भर तंग ही बने रहते हैं | वह कौन सी बात है जो एक व्यक्ति को अमीर बनाती है तो दूसरे को गरीब ? एक व्यक्ति को दौलतमंद बनाती है तो दूसरे को कड़का ? दोस्तों यूँ तो इसके कई कारण है लेकिन इनमें प्रमुख है -व्यक्ति के स्वीकार करने की क्षमता | अमीर लोग अच्छे रिसीवर होते हैं और गरीब लोग खराब रिसीवर होते हैं | गरीब लोग चाहे देने के मामले में कैसे भी हों लेकिन प्राप्त करने के मामले में निश्चित रूप से खराब होते हैं, इसलिए उन्हें अन्य चीजों के समान धन भी प्राप्त नहीं होता है |
वे कौनसी चीजें है जो एक व्यक्ति को अच्छा प्राप्तकर्ता बनने में बाधा उत्पन्न करती है ? बहुत से कारण है उनमें प्रथम है- खुद को अयोग्य या नाकाबिल मानना | अधिकांश लोग स्वयं को पर्याप्त रूप से अच्छा नहीं मानते हैं इसका कारण है उनकी प्रोग्रामिंग | अधिकांशतः बचपन से ही अपने माता-पिता, रिश्तेदार या अन्य लोगों से स्वयं के बारे में नकारात्मक या आलोचनात्मक बातें ज्यादा सुनते हुए बड़े हुए हैं, दूसरे हमारा पालन-पोषण सजा या पनिशमेंट के साए में हुआ है माता-पिता, टीचर,धर्मगुरु सभी के द्वारा हमें गलती करने पर या तो सजा दी गई है या सजा की धमकी दी गई है | वह सजा आज भी हमारे अवचेतन में इस रूप में विधमान है कि तुमने गलत कार्य किया है इसलिए तुम्हें पैसा नहीं मिलेगा | इस रूप में अवचेतन में हम अपनी सफलता में स्वयं बाधा बन जाते हैं |
दूसरी बाधा जो अच्छे रिसीवर बनने में आती है वह है हमारे समाज में व्याप्त एक गलत धारणा जो कि" देने "को" पाने "से श्रेष्ठ बताती है | इसका प्रचार उन्हीं लोगों के द्वारा किया गया है जिन्हें इस धारणा से कुछ प्राप्त होता है | जबकि देना व पाना दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू है | दोनों घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए है | पाने वाला होगा तब ही देने वाले का महत्त्व है | इसमें कोई दो राय नहीं है कि देने से अद्भुत संतुष्टि मिलती है | लेकिन आप उस स्थिति की कल्पना करे कि जब आप देना चाहे और सामने वाला लेने से मना कर दे ,तब आपको कैसा महसूस होगा ,निश्चित रूप से आपको अच्छा नहीं लगेगा | मतलब साफ है कि यदि आप पाने से इंकार करते है तो आप उन लोगो को अपने से दूर कर रहे है जो आपको देना चाहते है | साथ ही उन लोगों को उस ख़ुशी एवं सुख से वंचित कर रहे है जो उन्हें देने से प्राप्त होती | तात्यपर्य यह है कि एक तरह से आप ब्रह्माण्ड को कह रहे है कि वह आपको ना दे ,इससे होगा यह कि आपका वह हिस्सा ब्रह्माण्ड किसी अन्य की और( जो पाने का इच्छुक हो )भेज देगा | तभी इस दुनिया में अमीर और अमीर होता जाता है ,उसका कारण यह नहीं है कि वह ज्यादा योग्य है बल्कि यह है कि वह एक अच्छा रिसीवर है या पाने का कहीं ज्यादा इच्छुक है |
कई लोग अमीरों को हेय दृष्टि से देखते हैं ,स्वयं को गरीब होने के कारण ज्यादा धार्मिक ,पवित्र एवं अच्छा मानते हैं लेकिन यह धारणा खुद को झूठी दिलासा देने के अलावा कुछ नहीं है इसलिए अमीर बने फिर उन लोगों की मदद करें जिन्हें आवश्यकता है | कई लोग यह भी मानते हैं कि पैसा इंसान को क्रूर, लोभी ,ओछा एवं स्वार्थी बना देता है जबकि ऐसा नहीं है, पैसा आपको वही ज्यादा बनाता है जो आप पहले से हैं |
अच्छे रिसीवर बनने के लिए क्या करें- यदि आप दौलत बनाना चाहते हैं साथ ही उसे कायम भी रखना चाहते हैं तो उसे पाने के लिए तैयार एवं इच्छुक होना आवश्यक है इसके लिए निम्न तरीके अपना सकते हैं-
@ आपको जब भी पैसा मिले, उसका जोरदार ज़ोश से जश्न मनाए ,रोमांच एवं कृतज्ञता महसूस करें | अपने आपको पैसे को आकर्षित करने वाला चुंबक माने |आपके स्पंदन ब्रह्मांड के पास पहुंच जाएंगे और वह आपकी और ज्यादा पैसा भेजना शुरू कर देता है |
@ अपना एक" मौज- मस्ती "अकाउंट बनाएं | जिसमें अपनी आमदनी का 10% हिस्सा डालते रहे | उस अकाउंट का पैसा अमीरों वाले कार्यों में खर्च करें | महीने में कम से कम एक बार अपनी आत्मा को तृप्त करने वाला कोई कार्य करें- जैसे किसी आलीशान होटल में लंच या डिनर ,लग्जरी रिसोर्ट में स्टे, स्पा/ मसाज जैसे अन्य कोई कार्य जिससे आप अमीर एवं हकदार महसूस करें | इससे आप ब्रह्मांड को समृद्ध जीवन जीने का संदेश भेजते हैं जिसे पाकर ब्रह्मांड आपको और ज्यादा अवसर/ धन उपलब्ध कराएगा |
तो दोस्तों, इस प्रकार जब आप रिसीव करने के लिए वास्तविक रूप से तैयार हो जाओगे तो न सिर्फ आप ज्यादा पैसा पाओगे बल्कि ज्यादा प्रेम, शांति, खुशी एवं संतुष्टि भी प्राप्त करोगे | एक अच्छे रिसीवर बनने पर जीवन के सभी क्षेत्रों में चमत्कार होंगे | क्योंकि एकर -" आप एक चीज जिस तरह से करते हैं, हर चीज उसी तरह से करते हैं | " अंत में एक प्रार्थना नियमपूर्वक करें - "हे ईश्वर ,यदि किसी व्यक्ति के पास कोई बेहतरीन चीज आ रही हो और वह उसे लेने में इच्छुक न हो तो उसे मेरे पास भेज दो | मै आपके सारे वरदान पाने के लिए तैयार हूँ |"
कहा गया है कि पैसा वह "ऑयल" है जो जीवन में हमें" घिसटने "के बजाय" फिसलने "की ताकत देता है | पैसा स्वतंत्रता देता है, अपनी मनचाही चीजें खरीदने की स्वतंत्रता, अपना समय मनचाहे तरीके से बिताने की स्वतंत्रता | संसार की समस्त अच्छी चीजों का आनंद लेने का अवसर प्रदान करता है | यह आपको मौका देता है कि आप दूसरों को नौकरी देकर या अन्य किसी प्रकार से दूसरों की जरूरतों को पूरा कर सकें | सबसे बड़ी बात तो यह है कि पैसा आपको एक सम्मानजनक एवं स्वाभिमान पूर्ण जीवन प्रदान करता है |
इतना महत्वपूर्ण होने के बावजूद क्या कारण है कि दुनिया में बहुत कम लोगों के पास ही पर्याप्त पैसा है ?अधिकांश लोग जीवन भर तंग ही बने रहते हैं | वह कौन सी बात है जो एक व्यक्ति को अमीर बनाती है तो दूसरे को गरीब ? एक व्यक्ति को दौलतमंद बनाती है तो दूसरे को कड़का ? दोस्तों यूँ तो इसके कई कारण है लेकिन इनमें प्रमुख है -व्यक्ति के स्वीकार करने की क्षमता | अमीर लोग अच्छे रिसीवर होते हैं और गरीब लोग खराब रिसीवर होते हैं | गरीब लोग चाहे देने के मामले में कैसे भी हों लेकिन प्राप्त करने के मामले में निश्चित रूप से खराब होते हैं, इसलिए उन्हें अन्य चीजों के समान धन भी प्राप्त नहीं होता है |
वे कौनसी चीजें है जो एक व्यक्ति को अच्छा प्राप्तकर्ता बनने में बाधा उत्पन्न करती है ? बहुत से कारण है उनमें प्रथम है- खुद को अयोग्य या नाकाबिल मानना | अधिकांश लोग स्वयं को पर्याप्त रूप से अच्छा नहीं मानते हैं इसका कारण है उनकी प्रोग्रामिंग | अधिकांशतः बचपन से ही अपने माता-पिता, रिश्तेदार या अन्य लोगों से स्वयं के बारे में नकारात्मक या आलोचनात्मक बातें ज्यादा सुनते हुए बड़े हुए हैं, दूसरे हमारा पालन-पोषण सजा या पनिशमेंट के साए में हुआ है माता-पिता, टीचर,धर्मगुरु सभी के द्वारा हमें गलती करने पर या तो सजा दी गई है या सजा की धमकी दी गई है | वह सजा आज भी हमारे अवचेतन में इस रूप में विधमान है कि तुमने गलत कार्य किया है इसलिए तुम्हें पैसा नहीं मिलेगा | इस रूप में अवचेतन में हम अपनी सफलता में स्वयं बाधा बन जाते हैं |
यह भी पढ़े -अमीरी चाहते हो तो नेटवर्थ पर फोकस करे न की इनकम पर
दोस्तों,आप योग्य है या नहीं, आप काबिल है या नाकाबिल, यह कौन तय करता है ? यह काम आप खुद करते हैं यह छविआप खुद बनाते हैं ,यह सीधे-सीधे आपका दृष्टिकोण होता है क्योंकि" किसी चीज का कोई अर्थ नहीं होता है सिवाय उस अर्थ के जो आप उसे देते हैं | " यदि आप कहते हैं कि आप योग्य है तो हैं, और अगर आप नहीं मानते हैं तो नहीं है ,अर्थात जो आपने स्वयं को मान लिया है उसी के अनुसार आपका जीवन होगा | यहां सवाल यह उठता है कि मनुष्य अपने साथ यह ज्यादती क्यों करता है ? वे क्यों अपने आप को अयोग्य ठहराते हैं ? उसका कारण है- इंसान का मस्तिष्क | इसकी प्रकृति यह है कि यह सुरक्षात्मक तरीके से स्वयं को साबित करने के डर से बचने हेतु सीमित करके चलता है | जैसा कि टी 0 हार्व एकर कहते हैं- "अगर 100 फुट ऊंचे ओक के पेड़ में इंसान का दिमाग होता तो वह सिर्फ 10 फुट ही ऊंचा होता | " इसलिए काबिल/नाकाबिल की बकवास पर भरोसा ना करें और वह कार्य करें जो अमीर बनने के लिए आवश्यक है |
दोस्तों,आप योग्य है या नहीं, आप काबिल है या नाकाबिल, यह कौन तय करता है ? यह काम आप खुद करते हैं यह छविआप खुद बनाते हैं ,यह सीधे-सीधे आपका दृष्टिकोण होता है क्योंकि" किसी चीज का कोई अर्थ नहीं होता है सिवाय उस अर्थ के जो आप उसे देते हैं | " यदि आप कहते हैं कि आप योग्य है तो हैं, और अगर आप नहीं मानते हैं तो नहीं है ,अर्थात जो आपने स्वयं को मान लिया है उसी के अनुसार आपका जीवन होगा | यहां सवाल यह उठता है कि मनुष्य अपने साथ यह ज्यादती क्यों करता है ? वे क्यों अपने आप को अयोग्य ठहराते हैं ? उसका कारण है- इंसान का मस्तिष्क | इसकी प्रकृति यह है कि यह सुरक्षात्मक तरीके से स्वयं को साबित करने के डर से बचने हेतु सीमित करके चलता है | जैसा कि टी 0 हार्व एकर कहते हैं- "अगर 100 फुट ऊंचे ओक के पेड़ में इंसान का दिमाग होता तो वह सिर्फ 10 फुट ही ऊंचा होता | " इसलिए काबिल/नाकाबिल की बकवास पर भरोसा ना करें और वह कार्य करें जो अमीर बनने के लिए आवश्यक है |
यह भी पढ़े -अमीर कैसे बने :सरल एवं व्यावहारिक तकनीक
कई लोग अमीरों को हेय दृष्टि से देखते हैं ,स्वयं को गरीब होने के कारण ज्यादा धार्मिक ,पवित्र एवं अच्छा मानते हैं लेकिन यह धारणा खुद को झूठी दिलासा देने के अलावा कुछ नहीं है इसलिए अमीर बने फिर उन लोगों की मदद करें जिन्हें आवश्यकता है | कई लोग यह भी मानते हैं कि पैसा इंसान को क्रूर, लोभी ,ओछा एवं स्वार्थी बना देता है जबकि ऐसा नहीं है, पैसा आपको वही ज्यादा बनाता है जो आप पहले से हैं |
@ अच्छे रिसीवर बनने का अभ्यास करें, जब कोई किसी भी तरह से आपकी प्रशंसा करें तो "धन्यवाद "प्रकट करें और उस प्रशंसा को तुरंत वापस न लौटाए, उसे पूरी तरह ग्रहण करें |
@ आपको जब भी पैसा मिले, उसका जोरदार ज़ोश से जश्न मनाए ,रोमांच एवं कृतज्ञता महसूस करें | अपने आपको पैसे को आकर्षित करने वाला चुंबक माने |आपके स्पंदन ब्रह्मांड के पास पहुंच जाएंगे और वह आपकी और ज्यादा पैसा भेजना शुरू कर देता है |
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तो दोस्तों, इस प्रकार जब आप रिसीव करने के लिए वास्तविक रूप से तैयार हो जाओगे तो न सिर्फ आप ज्यादा पैसा पाओगे बल्कि ज्यादा प्रेम, शांति, खुशी एवं संतुष्टि भी प्राप्त करोगे | एक अच्छे रिसीवर बनने पर जीवन के सभी क्षेत्रों में चमत्कार होंगे | क्योंकि एकर -" आप एक चीज जिस तरह से करते हैं, हर चीज उसी तरह से करते हैं | " अंत में एक प्रार्थना नियमपूर्वक करें - "हे ईश्वर ,यदि किसी व्यक्ति के पास कोई बेहतरीन चीज आ रही हो और वह उसे लेने में इच्छुक न हो तो उसे मेरे पास भेज दो | मै आपके सारे वरदान पाने के लिए तैयार हूँ |"
withrbansal
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It's too good .....and admirable
जवाब देंहटाएंThanx
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