क्या वाकई में लोग अमीर नहीं बनना चाहते हैं ?
लोग अमीर क्यों नहीं बन पाते हैं-
withrbansal
दोस्तों,अमीर कैसे बने ? आज इस विषय पर पुस्तकों,इंटरनेट,सोशल मीडिया,यूट्यूब आदि पर ढेर सारा ज्ञान उपलब्ध है जिनमें फटाफट गरीब से अमीर बनने,धन-संपत्ति पाने एवं धन संपत्ति बढ़ाने के ढेरों उपाय बताए गए हैं | बावजूद इस अन्तहीन ज्ञान के भंडार के,गरीबी ज्यों की त्यों मौजूद है,गरीब वहीं का वहीं खड़ा है | अमीर वर्सेस गरीब या यूं कहे कि अमीर और गरीब की यह कहानी सदियों से यूं ही चली आ रही है | कुछ विरले ही है जो अपनी इस गरीबी की चादर को उतारकर फेंक पाए हैं | ऐसा नहीं है कि वे गरीबी से पीछा नहीं छुड़ाना चाहते या अमीर नहीं बनना चाहते |
यदि उनसे पूछा जाए कि क्या आप अमीर बनना चाहते हैं तो वह आपको ऐसे प्रश्न पूछने के लिए पहले तो बेवकूफ बताएँगे और फिर जवाब देंगे कि इस दुनिया में कौन सा ऐसा व्यक्ति है जो अमीर नहीं बनना चाहता है ! लेकिन दोस्तों उनका जवाब चाहे जो कुछ हो,वास्तविकता तो यही है कि ज्यादातर लोग वाकई में अमीर नहीं बनना चाहते हैं | इसका कारण है - हमारा अवचेतन | हमारे अवचेतन में पैसा एवं पैसे वालों के प्रति इतनी नकारात्मक धारणाएँ,शंका,सन्देह एवं विरोधाभास गहरे तक पैठ बनाए हुए है कि कोई भी व्यक्ति केवल इस तरह के "चाहने" भर मात्र से अमीर नहीं बन सकता है |
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दौलत की राह में प्राथमिक बाधाएँ -
अमीरी के रास्ते की सबसे बड़ी एवं प्राथमिक बाधा है-हमारा अवचेतन मन | अधिकांश लोगों के अवचेतन में अमीरी एवं अमीरों के संबंध में कई प्रकार की नकारात्मकताए,डर,शंका,संदेह एवं विरोधाभास भरे हुए होते हैं | जैसे कि -"अमीर बनने में बहुत मेहनत है ","गधे की तरह काम करना पड़ता है ","अमीर बनने के चक्कर में कई बीमारियां गले पड़ जाएगी", "दौलत कमाने के बाद यदि वापस चली जाएगी तो लोग मजाक बनाएंगे ","हर कोई अमीर नहीं बन सकता है ",दौलत कमाने का क्या फायदा,आपकी मेहनत का आधा पैसा तो सरकार टैक्स के रूप में ले लेती है ", "पैसा खुशी नहीं खरीद सकता "इत्यादि |
कहने का मतलब यह है कि लोग अमीर बनने की इस प्रक्रिया को मुसीबत ही मुसीबत मानते हैं , फिर हम भारतीय तो स्वभाव से ही संतोषी होते हैं जो दोनों समय की दाल-रोटी मिल जाए तो इससे आगे अपनी काया एवं दिमाग को कष्ट देने की जहमत उठाना ही पसन्द नहीं करते है |
हमारे द्वारा अवचेतन में पल रहे धन-संपत्ति से संबंधित इन भ्रामक विश्वासों एवं नकारात्मक धारणाओं के कारण ब्रह्मांड को दौलत प्राप्ति के स्पष्ट संदेश नहीं दिए जाते हैं | जैसा कि हम जानते है, ब्रह्मांड कुछ सुनिश्चित सिद्धांतों पर कार्य करता है,आकर्षण का नियम उनमें से ही एक है |
हम अपने प्रबल विश्वासों एवं विचारों से संचारित ऊर्जा स्पंदनों के द्वारा ब्रह्मांड को चीजों,वस्तुओं एवं इच्छापूर्ति के आर्डर देते रहते हैं,ब्रह्मांड लगातार हमारे आर्डर को पूरा करने की कोशिश में लगा रहता है , लेकिन यहां समस्या यह है कि धन-संपत्ति के संबंध में हमारे आर्डर स्पष्ट नहीं होते हैं,अक्सर यह विरोधाभासी होते हैं जिससे ब्रह्मांड समझ नहीं पाता है कि वास्तव में हम चाहते क्या है और इन्हें पूरा करने में स्वयं को असमर्थ पाता है |
उदाहरण के लिए- एक पल को आप कहते हैं कि "मैं अमीर बनना चाहता हूं " लेकिन दूसरे ही पल आप कहते हैं कि "अमीर लोग लालची होते हैं " ब्रह्मांड जो आपके पहले कथन को सुनकर दौलत के अवसर आपकी और भेजना प्रारंभ करता है,दूसरे कथन को सुनकर तुरंत ही ऐसी व्यवस्था करने लगता है कि आपके पास ज्यादा पैसा ना रहे |
इस प्रकार की दुविधा अमीरों में नहीं होती है | पैसों के बारे में उनकी चाहत पूरी तरह स्पष्ट होती है,दौलत कमाने हेतु पूर्णतया समर्पित होते हैं ,वे सही तरीके से पैसा कमाने हेतु कोई भी कार्य करने को हमेशा तैयार रहते हैं |
आप मनचाही दौलत क्यों नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं-
दोस्तों,अगर आप मनचाही दौलत हासिल नहीं कर पा रहे है या अमीर नहीं बन पा रहे हैं तो इसके पीछे प्रसिद्ध लेखक "टी0 हार्व एकर " द्वारा दो मुख्य कारण रेखांकित किए गए हैं | प्रथम-आप अवचेतन रूप से वाकई में दौलत नहीं चाहते हैं | द्वितीय-आप वह काम करने के इच्छुक नहीं है जो इसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक है |
1 आप वाकई में दौलत नहीं चाहते हैं |
यह शत प्रतिशत सही है कि जो चाहता है,उसे वह मिलता है लेकिन यहां 'चाहने "से मतलब यह नहीं है कि-" जब दौलत मेरी ओर आएगी तो मैं इसे ले लूंगा " | सिर्फ चाहने से दौलत नहीं मिलती है अगर ऐसा होता तो दुनिया में बहुत थोड़े लोग ही अमीर नहीं होते | चाहने का मतलब यह भी नहीं है कि मैंने अमीर बनने का निर्णय ले लिया है इसलिए अब तो मुझे अमीर बन जाना चाहिए | वास्तविक रूप में अमीर बनने की "चाहत" से तात्पर्य ,अमीर बनने के लिए पूर्णतया समर्पित होना (commitment ) है |
अमीरी की राह पर निष्ठा पूर्वक चलना कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना,हर वह जरूरी काम उतने समय तक करने के लिए तैयार रहना जो अमीर बनने के लिए आवश्यक है | कोई बहाने,कोई शर्त,कोई अगर-मगर नहीं,कभी हार नहीं मानना | निःसंदेह यह आसान नहीं है,इसके लिए गहन एकाग्रता,धैर्य,साहस,ज्ञान,विशेषज्ञता,शत प्रतिशत प्रयास और इन सबसे बढ़कर अमीर मानसिकता का होना आवश्यक है | बहुत कम लोग अमीर बनने हेतु अपनी जिंदगी दांव पर लगाने की तो तैयार होते हैं और जो लगाते हैं वह बन जाते हैं |
2 आप वह काम करने के इच्छुक नहीं है जो दौलत प्राप्त करने हेतु आवश्यक है |
क्या आप हर दिन 15 से 16 घंटे काम करने के इच्छुक हैं ? क्या आप सप्ताह में 7 दिन बिना वीकेंड्स की मस्ती किए काम कर सकते हैं ? क्या आप अपने रिश्तेदारों,मित्रों से मिलने,गपशप करने,मनोरंजन,मौज,शौक का तैयार करने को तैयार हैं ? क्या आप अपना सारा समय,ऊर्जा,संसाधन बिना लाभ की गारंटी वाले एवं जोखिम युक्त काम में लगाने को तैयार हैं ? यदि इन सब प्रश्नों के उत्तर "हां" है तो आपको अमीर बनने से दुनियाँ की कोई भी ताकत नहीं रोक सकती है | लेकिन दुर्भाग्य है कि बहुत कम लोग ही यह सब करने के इच्छुक होते हैं,लेकिन एक बार जो व्यक्ति इनके प्रति समर्पित हो जाता है तो ब्रह्मांड भी उसकी मदद के लिए आगे आ जाता है और चमत्कार घटित होना शुरू हो जाते हैं |
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अमीर बनने के लिए क्या करें-
दोस्तों,वाकई में गर आप दौलत प्राप्ति या अमीर बनने की और गंभीर है तो आज से ही नीचें दिए गए दो काम जरूर प्रारम्भ कर देवे -
@ आप क्यों अमीर बनना चाहते हैं,आपके लिए दौलत प्राप्त करना क्यों आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है | यह सब बातें एक कागज पर स्पष्ट रूप से लिख ले | क्योंकि जैसे ही आप अपनी चाहत को लिखित रूप देते है,ब्रह्माण्ड की शक्तियाँ उस पर कार्य शुरू कर देती है | लेकिन यह ध्यान रहे कि आपके दौलत प्राप्ति का कारण डर,गुस्सा या फिर किसी के समक्ष खुद को साबित करना नहीं हो , किसी महत्वपूर्ण उद्देश्य या योगदान हेतु अथवा खुशी प्राप्त करने के किसी अन्य कारण को अपनी प्रेरणा बनाएं |
@ अपने किसी अजीज या विश्वासपात्र व्यक्ति के समक्ष अपने अमीर बनने की राह पर समर्पित होने की स्पष्ट एवं विश्वास पूर्ण घोषणा उनकी आंखों में आंखें डाल कर करें | इस घोषणा में इस बात का स्पष्ट रूप से जिक्र हो कि मैं फलां तारीख तक मिलेनियर या बिलेनियर बनने के लिए समर्पित होता हूं |
दोस्तों,यह सच है कि पैसा,सारे मर्ज की दवा नहीं है,पैसे से सब कुछ खरीदा भी नहीं जा सकता है,आँसू अमीरों को भी बहाने पड़ते है | लेकिन किसी ने कहा है कि- "जीवन में गर रोना ही है तो,क्यों नहीं साइकिल के बजाय मर्सडीज में रोया जाए " | withrbansal
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