आज ही अपने जीवन की स्क्रिप्ट लिखे : अंत में पछतावा नहीं रहेगा
withrbansal सफल जीवन हेतु खुद के जीवन का संविधान निर्मित करे :-
दोस्तों ,हम सब जानते है कि यह जीवन एक रंगमंच है और हम सब इस जीवन रूपी रंगमंच के कलाकार या अभिनेता है जिन्हें अपनी अपनी भूमिका अदा करके वापस अपने वास्तविक घर चले जाना है | जो व्यक्ति यहाँ जितनी शिद्दत से अपनी भूमिका निभाता है उसका जीवन उतना ही सफल माना जाता है |
इस जीवन रूपी रंगमंच की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहाँ हमें अपना रोल अदा करने के लिए कोई स्क्रिप्ट नहीं दी गई है जबकि हम यह जानते है कि किसी भी सफल फिल्म के निर्माण के लिए एक अच्छी स्क्रिप्ट का होना महत्त्वपूर्ण है, बिना सशक्त स्क्रिप्ट के ना तो कोई कलाकार अच्छा अभिनय कर सकता है और ना ही कोई निर्देशक बेहतरीन निर्देशन कर सकता है |
दोस्तों ,पता है हमें यह स्क्रिप्ट क्यूँ नहीं दी गई है क्योंकि ऊपरवाले ने हमारे जीवन की फिल्म का पटकथा लेखक हमें ही बनाया है कि हम स्वयं अपने गहनतम जीवन मूल्यों ,जीवन दृष्टि ,आंकांक्षाओ,अन्तर्दृष्टि के आधार पर अपने जीवन के अर्थ को पहचान कर अपनी एक यूनिक स्क्रिप्ट तैयार कर अपनी फिल्म बनायें |
यहाँ अधिकांश लोगों के साथ समस्या यह है कि उनके द्वारा बिना अपनी फिल्म की पटकथा लिखे ही अभिनय किया जा रहा है और आप जानते है कि बिना स्क्रिप्ट के कलाकार का अभिनय कैसा होगा और उस फिल्म का तो असफल होना तय है ही | तो दोस्तों ,यदि आप चाहते है कि इस रंगमंच पर आपके अभिनय समाप्ति पर जब जीवन रूपी पर्दा गिरे तो देर तक तालियाँ बजती रहे और सब लोग कहें कि वाह ! जीवन जिए तो इस तरह से, तो यह सही समय है जब आप अपने जीवन की पटकथा पर गंभीरतापूर्वक विचार शुरू कर दे |
आप अपने जीवन की स्क्रिप्ट में अपने जीवन के सभी पक्षों यथा व्यक्तिगत ,पारिवारिक ,सामाजिक एवं व्यावसायिक को शामिल करे | यह एक तरह से आपके व्यक्तिगत संविधान जैसा होता है जो सही सिद्धांतो पर आधारित होता है | यह आपके जीवन को दिशा प्रदान करने के साथ आपको निर्णय लेने में भी मददगार होगा ,इसके आलोक में आप अपने हर कदम या निर्णय की जाँच कर सकते है |
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यह व्यक्तिगत संविधान या स्क्रिप्ट निर्माण इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति का जीवन में एक विशिष्ट लक्ष्य या कर्त्तव्य होता है जिसे उसे पहचानना होता है जैसाकि "विक्टर ई 0 फ्रेंकेल "ने अपनी पुस्तक "जीवन के अर्थ की तलाश में मनुष्य " में कहा है कि हर मनुष्य को अपने जीवन से यह सवाल करना चाहिए कि वह उससे क्या चाहता है और जबाब भी उसे स्वयं से ही लेना है क्योंकि आप ही अपने जीवन के प्रति जिम्मेदार है | जीवन में कई तथाकथित मानसिक एवं भावनात्मक बीमारियाँ दरअसल निरर्थकता या खालीपन के अंदरूनी अहसास के कारण होती है इसलिए जीवन के अर्थ या उद्देश्य की खोज या पहचान अवश्य करे क्योंकि अर्थ से ही लक्ष्य तय किये जाते है और आपके समय ,प्रतिभा एवं ऊर्जा का सदुपयोग होता है |
चूंकि हमारी फिल्म के हम ही लेखक ,निर्देशक ,अभिनेता सब कुछ है तो हमारा यह दायित्व है कि हम यह जाने कि हम क्या करना चाहते है या क्या बनना चाहते है | अपने जीवन की स्क्रिप्ट लिखने हेतु हमें गहरे आत्मनिरीक्षण ,ध्यानपूर्ण विश्लेषण ,सुनियोजित अभिव्यक्ति एवं बार बार लिखे जाने की जरुरत होती है | यह स्वार्थ पर आधारित न होकर स्व-कल्याण एवं मानव कल्याण का सयोंजन होता है | इसमें आपके जीवन मूल्यों ,जीवन दृष्टि एवं जीवन के सभी पक्षों की पूर्ण एवं संक्षिप्त अभिव्यक्ति होती है ,समय-समय पर इसमें संशोधन भी करने पड़ सकते है |
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प्रसिद्ध लेखक "स्टीफन आर 0 कवी" के द्वारा आपके जीवन की स्क्रिप्ट या व्यक्तिगत संविधान को "व्यक्तिगत मिशन स्टेटमेंट" कहा है | इसे लिखने में कल्पना विवेक की जरुरत होती है जो कि मूलतः हमारे दांये मस्तिष्क का कार्य होता है | हमारा बांया मस्तिष्क तार्किक /शाब्दिक होता है और दांया मस्तिष्क अन्तर्ज्ञानी व रचनात्मक होता है | दुनियाँ में बाँये का प्रभुत्त्व है ,दाँए मस्तिष्क का प्रयोग करना बहुत कम लोगों को आता है |
आप जितना अधिक अपने दाँये मस्तिष्क का प्रयोग करेंगे उतना ही अधिक आप अपने जीवन की समग्र तस्वीर देखने में सक्षम हो पाएंगे कि आप जीवन में क्या चाहते है | दाँये मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाने के लिए निम्न 3 कार्य अवश्य करें -
1 कल्पना शक्ति का अधिकतम प्रयोग - अपने जीवन की आने वाली सभी महत्त्वपूर्ण घटनाओं यथा खुद की मरणोपरांत प्रशस्ति ,विवाह की 25 वीं या 50 वीं वर्षगांठ ,रिटायरमेंट पश्चात् दूसरी पारी इत्यादि की स्पष्ट एवं भावपूर्ण कल्पनायें करें |
2 मानसिक रचना शक्ति का प्रयोग - विश्व के समस्त सफल लोग मानसिक चित्रण शक्ति का प्रयोग करते है वे खुद को मानसिक रूप से भविष्य के किसी कार्य को सफलता पूर्वक करते हुए या किसी समस्या से निपटते हुए स्पष्ट रूप से देखते है|
3 मेडिटेशन का प्रयोग - दांए मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाने के लिए आप रोज 20 मिनट मेडिटेशन अवश्य करे |
दोस्तों ,आप अपने जीवन की स्क्रिप्ट या व्यक्तिगत संविधान की रचना 2 पार्ट में करें - प्रथम पार्ट में - आप अपने जीवन के लक्ष्यों को संक्षिप्त रूप में अभिव्यक्त करे जैसा कि किसी देश के संविधान की प्रस्तावना में किया जाता है | इसमें लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आपके द्वारा क्या किया जायेगा या आप क्या दोगे उसका भी संक्षिप्त विवरण दिया जायेगा क्योंकि इस दुनियाँ में कोई भी चीज मुफ्त में नहीं मिलती है | द्वितीय पार्ट में- आप अपने जीवन के सभी मुख्य पक्षों यथा व्यक्तिगत ,पारिवारिक ,सामाजिक एवं व्यावसायिक में यह तय करें कि इन क्षेत्रों में आप अपनी कैसी छवि बनाया जाना पसन्द करोगे अर्थात आप इन क्षेत्र के साथियों से अपनी मरणोपरांत प्रशस्ति में क्या सुनना चाहोगे | साथ ही इस पार्ट में यह भी तय करें कि जीवन के उक्त क्षेत्रों में आप क्या मुख्य योगदान देना एवं उपलब्धियाँ प्राप्त करना चाहोगे | दोस्तों, यूँ तो हर व्यक्ति के जीवन की स्क्रिप्ट व्यैक्तिक होती है लेकिन आपकी सुविधा के लिए यहां मैं मॉडल के रूप में अपने स्वयं के व्यक्तिगत संविधान के कुछ अंश प्रस्तुत कर रहा हूँ-
पार्ट -1
प्रस्तावना - मेरे जीवन के लिए मैं स्वयं जिम्मेदार हूं अर्थात मेरे जीवन रूपी फिल्म का मैं ही लेखक व निर्देशक हूं मेरे जीवन की पटकथा लिखने की जिम्मेदारी मेरी ही है और मैं इसे अच्छी प्रकार से लिखने का संकल्प लेता हूं, साथ ही यह भी संकल्प लेता हूं कि मेरा जीवन मेरी लिखी इस स्क्रिप्ट के अनुसार ही चलेगा | मेरे इस संकल्प में ईश्वर सदैव मेरे साथ है |
लक्ष्य- लक्ष्य कुछ इस तरह से हो सकते है -
- मेरे जीवन का लक्ष्य शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ एवं मस्त रहते हुए अपने व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक एवं व्यवसायिक दायित्वों का पूर्ण जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करना |
- अपने से जुड़े एवं संपर्क में आने वाले लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करना एवं उनके जीवन में मुस्कुराहट लाना |
- समाज के कमजोर एवं जरूरतमंद व्यक्तियों की अपनी क्षमता के अनुसार मदद करना| विशेषकर- बच्चे एवं बुजुर्गों की
- आध्यात्मिक विकास- सबको प्रेम एवं मुस्कुराहट बांटना | कमजोरियों- क्रोध ,नफरत, घृणा ,ईगो ,ईर्ष्या ,जलन ,लालच,भय इत्यादि पर नियंत्रण करना | |
इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए-
- मैं अपना समय, योग्यता एवं संसाधन अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित करता हूं |
- मैं निरंतर लक्ष्य तय करके आर्थिक एवं भौतिक संसाधनों को बढ़ाने का प्रयास करता हूं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों के जीवन में खुशियां ला सकूँ, उनके चेहरे पर मुस्कुराहट देख सकूँ |
- मैं जहां कहीं भी, कभी भी मौका मिलता है तो लोगों के जीवन में अपने लेखन, वीडियो या अन्य किसी भी माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करता हूं |
- मैं नियमित रूप से भ्रमण, व्यायाम, योग, प्राणायाम एवं ध्यान करता हूं ताकि शारीरिक एवं मानसिक फिट रह सकूं साथ ही नियमित अच्छी पुस्तकों का अध्ययन एवं लेखन करता हूं ताकि आध्यात्मिक लक्ष्य प्राप्त कर सकूं |
पार्ट 2-
- व्यक्तिगत पक्ष - छवि -शारीरिक एवं मानसिक रूप से फिट, शांत एवं संतुलित, प्रेम,प्रशंसा एवं सम्मान पाने एवं देनें योग्य ,स्वीकृत ,क्षमाशील एवं सकारात्मक परिवर्तनशील व्यक्ति | योगदान एवं उपलब्धियां- आजीवन शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहना, सब से प्रेम करना एवं अपनी कमजोरियों- क्रोध, घृणा, नफरत ,जलन, लालच,ईगो ,ईर्ष्या,भय इत्यादि पर नियंत्रण का प्रयास करना |
- परिवारिक पक्ष - छवि - एक जिम्मेदार एवं वफादार दोस्त, समस्त आवश्यकताओं,आकांक्षाओं एवं जरूरतों की पूर्ति में सहयोग करने वाला कर्मशील व्यक्ति | योगदान एवं उपलब्धियां- अपने परिवाजनों को उनके इंट्रेस्ट के अनुसार सेटल होने में उनकी मदद करना, आर्थिक रूप से पर्याप्त संपन्न |
- मित्रता पक्ष - छवि -सुख- दुख में भागीदार, मुसीबत में हमेशा साथ खड़ा रहने वाला, उदार, मस्त, जिंदादिल व्यक्ति योगदान एवं उपलब्धियां- असक्षम एवं जरूरतमंद दोस्त की मदद करना, दोस्तों का एक ग्रुप बनाकर हर 3 माह में एक मनोरंजन एवं सामुदायिक सेवा कार्यक्रम का आयोजन
- व्यावसायिक पक्ष - छवि - ड्यूटी के प्रति जिम्मेदार, साथियों की मदद करने वाला, कर्तव्यों का ईमानदारी एवं निष्ठा से पालन, अपने कार्य में पारंगत ,अपने यूनिक तरीके से कार्य करने वाला ,अधीनस्थों के प्रति विनम्र एवं सिखाने वाला | योगदान एवं उपलब्धियां - आप अपने व्यवसाय के अनुसार तय करे|
- सामुदायिक समाज सेवा- छवि - गरीबों एवं जरूरतमंदों की वक्त पर मदद करना, उदार हृदय, आध्यात्मिक एवं प्रेरक लेखक ,योगदान एवं उपलब्धियां- वृद्धाश्रम निर्माण,एक एनजीओ के माध्यम से समाज सेवा, बुक राइटिंग इस तरह से आप अपने जीवन का व्यक्तिगत संविधान या स्क्रिप्ट लिखित रूप में निर्मित कर ऐसी जगह पर लगा दे जहां आप इसे कम से कम दिन में दो बार देख सके | कोशिश करें कि सुबह एक बार जगने के बाद और रात को सोने से पहले इस पर एक नजर जरूर डालें | इस तरह की स्क्रिप्ट आप अपने परिवार या संगठन के लिए भी बना सकते हैं, शर्त यह है कि इसे बनाने में परिवार/ संगठन के सभी सदस्यों की सहभागिता होनी चाहिए तभी इसका पालन किया जाना संभव हो पाएगा | यह भी पढ़े -क्या धूम्रपान करने वाले शानदार होते हैं ?
इसका फायदा यह होगा कि आप सिद्धांतों एवं मूल्यों के आधार पर जीना सीख जाएंगे तथा तात्कालिक विषम स्थितियों, मूंड स्विमिंग एवं तत्काल संतुष्टि के आधार पर कार्य न करके आप प्रोएक्टिव तरीके से कार्य कर पाएंगे | जीवन में हमें कई बार( व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक ,व्यवसायिक पक्ष में ) हमें अप्रिय या नापसंद स्थितियों का सामना करना पड़ता है ऐसे में हमें चिढ़न ,कुढ़न, गुस्सा,निराशा या शारीरिक-मानसिक पीड़ा होने लगती है और हमारे द्वारा गलत प्रतिक्रिया या कार्य से इंकार कर दिया जाता है | यदि स्क्रिप्ट आपके सामने है और उक्त कार्य स्क्रिप्ट अनुसार है तो आप इस तरह की पीड़ा से बच जायेंगे | इसे बनाने में आपको कई सप्ताह या महीने भी लग सकते हैं लेकिन जब तक आप इससे पूर्णतया संतुष्ट ना हो जाए कि यह आपके गहनतम जीवन मूल्यों एवं जीवन की सभी दिशाओं की पूर्ण एवं संक्षिप्त अभिव्यक्ति है, तब तक इस पर कार्य करते रहें |
दोस्तों, यदि आपने इस संबंध में गंभीर होकर अपना व्यक्तिगत संविधान तैयार कर इसके अनुसार जीना सीख लिया तो दावा है कि आप न केवल एक समग्र जीवन जी पायेंगे अपितु अंत समय में आपके जीवन में किसी भी तरह का "काश" नहीं रहेगा जैसा कि अधिकांश लोगों के साथ होता है | यूट्यूब पर देखे -
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