आत्मघाती व्यक्तित्व के 10 संकेत जो उसे असफल बनाते हैं

withrbansal

 सफलता में बाधक 10 आत्मघाती व्यक्तित्व के संकेत

 दोस्तों,आज का युग अवसरों एवं सफलता का है | आधुनिक लोकतंत्र एवं विश्व ग्राम की संकल्पना के साकार होने से आज सभी को समान अवसर उपलब्ध है | कोई भी व्यक्ति बिना धर्म, मूलवंश,जाति,लिंग, जाति के भेदभाव के  किसी भी स्तर की सफलता प्राप्त कर सकता है |                                                                                                                                              आज हमें जो अवसर प्राप्त हो रहे हैं ,इतिहास में शायद ही कभी ऐसा दौर रहा हो जब ऐसी संभावनाएं उपलब्ध रही हो |
                                                                         आज सफलता के स्वर्णिम अवसरों के होते हुए भी हम असफल क्यों हैं ? क्यों हम वह सब कुछ प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं जिनकी आकांक्षा रखते हैं ? क्यों दूसरे लोग जो हमारे जैसे ही हैं सफल हो पा रहे हैं ?

आत्म विनाश की मानसिकता


                                     दोस्तों इन सभी प्रश्नों का एक मात्र उत्तर है -"हमारा आत्मघाती व्यक्तित्व" | हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने की संभावनाओं को खुद ही नुकसान पहुंचा रहे हैं | हमारा व्यक्तित्व अक्सर अनजाने में ही हमारे लक्ष्य, सपने सफलता एवं हमारी खुशहाली को बाधित करता है |
                                                                 इस लेख में हम एक-एक करके उन सभी 10 प्रमुख लक्षणों की पहचान करेंगे जो हमारे व्यक्तित्व को आत्मघाती बनाकर हमें असफल करते हैं, साथ ही उनका समाधान भी ढूंढने का प्रयास करेंगे |

 

1 सही कार्य को करने में बाधा महसूस करना

 यह तब होता है जब जीवन में हमें कुछ नए प्रोजेक्ट, नए विचार या फिर नए रिश्तों पर कार्य करना होता है,अर्थात जब हमारे पास सृजन या निर्माण संबंधी नए विचार होते हैं लेकिन हम उनके क्रियान्वयन में मानसिक रुकावट महसूस करते हैं |                                                                                                                                                                   हमें यह समझ नहीं आता कि कहां से शुरू करें | इसका समाधान यही है कि किसी भी दिशा में एवं कुछ भी एक छोटा सा कदम उठाकर काम की एक बार शुरुआत कर दें | प्रसिद्ध लेखक "टी0 हार्व एकर" इसे " कॉरिडोर में प्रवेश करना " कहते हैं,अर्थात आपके पास जो भी हो, आप जहां भी हो,ज्यादा सोच विचार मत करो, "गलियारे" में घुस जाओ और खेल में कूद जाओ |

 

2 अपनी आरामदायक स्थिति में बने रहना 

 जीवन में हर व्यक्ति की अच्छी या सकारात्मक चीजों को भी सहन करने की एक ऊपरी सीमा होती है | अनजाने में जब हमारे साथ अच्छा हो रहा होता है तो हम उसे नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं ताकि हम वापस अपनी परिचित आरामदायक स्थिति में आ सके |                                                                                                                                                            जैसा कि लेखक" ब्रियाना वीस्ट "कहती है " हम खुश रहने के लिए नहीं बने हैं बल्कि आरामदायक रहने के लिए बने हैं | " इस स्थिति से बचने का उपाय यही है कि हम जीवन में अचानक से बड़े बदलाव ना लाये बल्कि धीरे-धीरे आगे बढ़े और अपने नए कंफर्ट जोन बनाएं |


खुद को नुकसान पहुँचाना अर्थात आत्म विनाशी मानसिकता

 

 3 बार-बार अपनी स्थिति बदलना अथवा एक ही स्थिति से चिपके रहना

 व्यक्ति हर बार नया चैप्टर शुरू करता है लेकिन पूरा किसी को भी नहीं कर पता है यथा बार-बार बिजनेस या नौकरी बदलना,एक के बाद एक नए रिश्तों में प्रवेश करना इत्यादि | स्थित यह हो जाती है कि व्यक्ति आगे बढ़ने की प्रयास में और ज्यादा उलझ जाता है |                                                                                                                                                                ऐसे में होना यह चाहिए कि व्यक्ति अपनी पिछली गतिविधियों का विश्लेषण करे और यह स्पष्ट रूप से जाने की वह वास्तव में क्या चाहता हैं | 
                                           दूसरी स्थिति में कई बार व्यक्ति जो नहीं चाहता है उससे चिपका रहता है | चाहे वह कोई व्यवसाय हो या कोई नौकरी या फिर कोई खराब रिश्ता | ऐसी स्थिति से  का सबसे अच्छा तरीका है - अपने प्रति ईमानदार रहकर अपनी सच्ची इच्छा को जानना |

 

4 हर बात में पूर्णता की खोज करना

 हर काम या हर चीज में पूर्णता की खोज करना हमारे आगे बढ़ने में सबसे बड़ी रुकावट है ,क्यों कि सृष्टि में कुछ भी पूर्ण नहीं है | काम को बहुत अच्छी तरह से करने के बजाय आवश्यक है कि वह काम किया जाए |                                                                                   बेस्ट सेलर लिखने की कोशिश ना करें,बस लिखे | प्रभावशाली या दुनिया को बदलने वाले कार्य करने की चिंता ना करें, केवल काम को अच्छी तरह से जरूर करें |क्योंकि शुरुआत करना ज्यादा महत्वपूर्ण है न कि कार्य प्रारंभ ही नहीं कर पाना | 

 

5 भावनाओं को "प्रोसेस" नहीं कर पाना

 जीवन में अच्छे-बुरे हर प्रकार के लोग एवं परिस्थितियां आती है | होता यह कि जीवन जब सब कुछ अच्छा हो रहा होता है तो हम कार्य में सतत संलग्न रहते हैं लेकिन जैसे ही विपरीत स्थितियाँ आती है हम अपनी भावनाओं को सही तरह से "प्रोसेस" नहीं कर पाते हैं और परेशान होकर उसमें उलझ जाते हैं जबकि जरुरत हमें उस स्थिति या बात को स्पष्ट रूप से समझने की होती है 
                                                       ऐसे में हमें जो महसूस हो रहा है, उसे स्वीकार करना होगा कि ऐसा सभी के साथ होता है ओर इसमें कुछ भी गलत नहीं है | अपनी भावनाओं को किसी कागज पर लिखना या किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करना भी एक अच्छा उपाय है l



मै कभी सफल नहीं हो सकता -नकारात्मक सोच

 

6 सफल लोगों से ईर्ष्या रखना

 अक्सर हम सफल लोगों के प्रति अनजाने में ही बहुत क्रूर हो जाते हैं | बेहतर महसूस करने के लिए हम उनकी सफलता में निहित दोष खोजने लगते हैं, जैसे-अरे' अमीर लोग सबसे बुरे होते हैं, उच्च अधिकारी भावनाहीन होते हैं इत्यादि |                                                                                                                                                                                             यह अवचेतन रूप से हमारे आर्थिक रूप से संपन्न बनने या किसी बड़े पद को प्राप्त करने की संभावना को नुकसान पहुंचाता है | अच्छा यह है कि हम दूसरों के प्रति कोई धारणा ना बनाएं,कोई व्यक्तिगत निर्णय न दे और जो चीज हम प्राप्त करना चाहते हैं वह किसी अन्य के पास है तो उसे दिल से बधाई दें | 


7 सफल होने का अपराध बोध

 जब जीवन में पैसा या सफलता प्राप्त होने लगती है तो कुछ लोगों विशेषकर नेक दिल एवं अच्छे लोगों में यह अपराध भावना उत्पन्न होने लग जाती है कि दुनिया में जब इतना दुख,पीड़ा या गरीबी है तो उन्हें कोई हक नहीं है, सुख प्राप्त करने का |                                                                                                                                                                     इस मानसिकता का विपरीत प्रभाव यह होता है कि वह बिना सोचे-समझे, मनमाने ढंग से खर्च करके या फिर लापरवाही से अपने व्यवसाय को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं कुछ दिनों में ही वह वापस अपनी पुरानी अभावों वाली स्थिति में आ जाते हैं |
                                            सही मान्यता तो यह होनी चाहिए कि पैसा और सफलता साधन है जो आपको आपका समय लौटाते हैं और आपको दूसरों की मदद करने,उन्हें रोजगार देने और उनके जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर बदलने का अवसर प्रदान करते हैं |



10 sign of self destruction perssonality

 

 

8 अपनी सफलताओं को कम करके आंकना

 अक्सर व्यक्ति अपनी सफलताओं को दो कारणों से कम करके मापता है प्रथम - दूसरे व्यक्ति उससे खतरा महसूस ना करें जिससे उसके रिश्ते ना खराब हो | द्वितीय-सफलता के उस आँकाक्षित स्तर की प्राप्ति में सहज नहीं होना | 
            दोनों भावना सही नहीं है | हम अपनी सफलताओं पर खुश होते हुए भी दूसरों की उपलब्धियां को स्वीकार कर सहन कर सकते हैं | हम कोई उपलब्धि इसलिए नहीं प्राप्त करते कि हम उसे खोकर वापस अपने पुराने स्थिति में आ जाए यह आत्मघाती भावना है | सफलता प्राप्त करना हमारा अधिकार है तो उसे संजोकर रखना कर्तव्य |  

 

9 अतार्किक एवं काल्पनिक स्थितियों के भय में जीना

 व्यक्ति अपना अधिकांश जीवन उन अतार्किक एवं काल्पनिक डरों के साये में बिताता है जो उसके जीवन में कभी घटित नहीं होने वाले हैं |आधारभूत रूप में हमारे यह डर हमें उसे स्थिति के बारे में बताते हैं जिनकी हमें परवाह है |                                                                 यदि हम इन्हें सही तरीके से पहचान सके कि वे हमें क्या आगाह करना चाहते हैं तो शायद हम ज्यादा स्वस्थ एवं सुरक्षित तरीके से इन भय को अवसरों में बदल सकते है |


10 sign of suicidal personality

 

10 गलत आदतें

 ऐसी बहुत आदतें हैं जो व्यक्ति को सफलता एवं लक्ष्य से दूर बनाए रखती है | स्वास्थ्य संबंधी गलत आदतें,किसी नई स्किल को नहीं सीखना,समय प्रबंधन में असफलता,गलत लोगों के साथ समय बिताना, असफल होने का डर,घमंडी स्वभाव,जीवन एवं कार्य स्थल को अव्यवस्थित रखना, काम नहीं करने के बहाने बनाना इत्यादि कुछ ऐसी आदतें है जो व्यक्ति को असफलता की ओर ले जाती है |
                                                                         समाधान के रूप में अपनी दिनचर्या और आदतों को सुधारें | आत्म-अवलोकन करें और सकारात्मक बदलाव लाएँ |

निष्कर्ष

सफलता पाने की राह में सबसे बड़ी बाधा हम स्वयं होते हैं। हमारा आत्मघाती व्यक्तित्व अनजाने में हमारी उन्नति को रोकता है। यदि हम इन 10 आत्मघाती लक्षणों को पहचानकर उन पर काम करें, तो हम न केवल सफल होंगे बल्कि एक संतुलित और खुशहाल जीवन भी जी पाएंगे।

आपका पहला कदम क्या होगा? नीचे कमेंट में बताये 🙏
Withrbansal 



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

टेस्ला कोड या दिव्य नंबर "369" से सफलता कैसे प्राप्त करें

अब्राहम हिक्स की तकनीक से 17 सेकंड में,जो चाहे वह प्राप्त करें |

"अहम् ब्रह्मास्मि" के महान उद्घोषक : श्री निसर्गदत्त महाराज