खुद से किए जाने वाले प्रश्न ही आपकी नियति तय करते हैं |
withrbansal
गुणवत्तापूर्ण प्रश्न ही गुणवत्तापूर्ण जीवन की गारंटी है |
दोस्तों,यदि "सर आईजैक न्यूटन" सेब के नीचे गिरने पर स्वयं से यह सवाल नहीं पूछते कि "सेब नीचे ही क्यों गिरा,ऊपर या बगल में क्यों नहीं गया ?"तो क्या वे गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत को खोज पाते | इसी प्रकार यदि "अल्बर्टआइन्सटाइन"ने खुद से यह नहीं पूछा होता "क्या यह संभव है कि जो चीजे एक जैसी दिखती है,वे वास्तव में ऐसी ना हो" तो क्या वे "सापेक्षता "का प्रसिद्ध सिद्धांत अस्तित्व में ला पाते |
खुद से किए गए सही एवं शक्तिशाली प्रश्न ही आपके जीवन की नियति को रचते हैं |
जब नाजी डेथ कैंप में सारे बंदी अपनी किस्मत को कोस रहे थे और प्रश्न कर रहे थे "ईश्वर ने हमारे साथ ऐसा क्यों किया?" "यह नाजी इतने दुष्ट कैसे हो सकते हैं ? " इत्यादि | उसी समय एक व्यक्ति ऐसा भी था जो खुद से लगातार प्रश्न कर रहा था "मैं इस भयानक जगह से कैसे निकल सकता हूं ? " कोई तो तरीका होगा इस जगह से स्वस्थ एवं जीवित निकलने का ?" वह लगातार स्वयं से दिल की गहराइयों से प्रश्न करता रहा | कहा जाता है कि "अगर तुम मांगोगे तो अवश्य पाओगे" और जैसे ही उसकी नजर शव ढ़ोने वाले वाहन पर पड़ी उसे उसके प्रश्न का उत्तर मिल गया | "स्टेनिसलावस्की लीच " उसी वाहन में चुपके से शवों के साथ सुरक्षित रूप से बचकर वहां से निकल गए |
सही प्रश्न ही आपकी चिंतन प्रक्रिया को सही दिशा प्रदान करते हैं | क्योंकि चिंतन अपने आप में प्रश्न करने और उत्तर देने की प्रक्रिया ही है | यदि हम अपने जीवन की नियति को बदलना चाहते हैं तो हमें स्वयं से आदतन किए जाने वाले प्रश्नों को बदलना होगा | क्योंकि प्रश्न हमारे केंद्र को दिशा देते हैं,उसी के अनुसार ही हम सोचते हैं और महसूस करते हैं | सफल और असफल व्यक्तियों के बीच केवल यही एक अंतर पाया जाता है | सफल व्यक्तियों ने स्वयं से बेहतर प्रश्न किये नतीजा यह रहा कि उन्हें बेहतर परिणाम प्राप्त हुए |
जैफ बेजॉस के द्वारा खुद से किए गए इस शक्तिशाली प्रश्न कि "मैं कैसे लोगों को घर बैठे सही कीमत पर पुस्तके उपलब्ध करा सकता हूँ "ने अमेजॉन की स्थापना की राह प्रशस्त की |
आपके जीवन का कोई भी क्षेत्र हो चाहे करियर हो या रिलेशनशिप,प्रश्न ही उन्हें तय करते हैं | अधिकतर लोग जैसे ही किसी संकट में पड़ते हैं खुद से अशक्त करने वाले प्रश्न करना शुरू कर देते हैं जैसे- "मैं ही क्यों ?" "मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है ?" ऐसे प्रश्नों से कभी भी किसी को लाभ नहीं होता है,सिवाय नुकसान के | ऐसे में हमारा सही प्रश्न होना चाहिए "मैं इसका कैसे प्रयोग कर सकता हूं ?" संकट में हमेशा स्वयं से ऐसे प्रश्न करें जो आपको मजबूत बनाये, हौसला दे,न कि आपको कमजोर करें | याद रखें आपके प्रश्न ही आपके सुख-दुख,मान-अपमान,प्रेरणा इत्यादि के निर्धारक होते हैं |
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प्रश्न आपके जीवन में कैसे काम करते हैं -
1 प्रथम प्रश्न तत्काल हमारे केंद्र को बदलकर हमारे सोचने एवं हमारे अनुभव करने को बदल देते हैं | हम ज्यादातर समय समस्या-केंद्रित रहते हैं न कि समाधान-उन्मुख | जैसे ही हम समाधान केंद्रित प्रश्न पूछते हैं- "मैं अपनी स्थिति में बदलाव कैसे ला सकता हूं ?" "मैं अब किस बात के लिए प्रसन्न हो सकता हूं ?" "अगर यह कार्य मैंने अभी कर लिया तो मेरा पूरा जीवन कैसे बदल जाएगा ?" "इन स्थितियों से मैं क्या सीख सकता हूं ?" इस तरह के प्रश्न आपके सोचने एवं महसूस करने के भाव को बदल देते हैं और आप स्व-प्रेरित स्थिति में आ जाते हैं |
2 द्वितीय प्रश्न हमारी प्राथमिकता तय करने में मदद करते हैं | हमारे सचेतन मस्तिष्क का सीमित दायरा होता है | सही प्रश्न हमारे मस्तिष्क को प्राथमिकता वाली चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करते हैं | यदि हम सचेतन भाव से प्रश्न-उत्तर नहीं करते हैं तो कई अशक्त या कमजोर करने वाले प्रश्न हमारे मन में जगह बना सकते हैं | सही प्रश्नों में हमारी गलत पूर्व-धारणाओं को बदलने की भी शक्ति होती है | उदाहरण के लिए जब आप किसी महत्वपूर्ण मीटिंग में लेट हो जाते हैं तो अक्सर एक प्रश्न हमारे दिमाग में आता है कि " मैं हमेशा हर जगह लेट क्यों हो जाता हूं ?" दोस्तों यह आपको कमजोर करने वाला प्रश्न है | सही प्रश्न यह होना चाहिए कि "अभी कौन सा वह कदम है जिसे मैं उठा सकता हूं ताकि भविष्य में किसी महत्वपूर्ण मीटिंग में लेट ना हो पाऊं ?"
3 तृतीय प्रश्न ही हमारे संसाधनों को सीमित या विस्तारित करते हैं | प्राय हमारे संसाधन उन्हीं प्रश्नों के कारण सीमित होते हैं जो हम अपने आप से करते हैं | यदि आप सही प्रश्न करते हैं तो दावा है संसाधनों की कभी भी कमी नहीं आएगी | शक्तिशाली प्रश्न ऐसे हो सकते है -"मै लोगों के जीवन को और अधिक सार्थक कैसे बना सकता हूं?" या उनकी अधिक से अधिक सहायता कैसे कर सकता हूं?" "मैं और ज्यादा लोगों तक अपनी पहुंच कैसे बना सकता हूं ?" मैं बिना भौतिक उपस्थिति के कैसे ज्यादा इनकम उत्पन्न कर सकता हूं ?" "मैं अपने ग्राहकों को और अतिरिक्त क्या सर्विस दे सकता हूँ? " "मेरे आज के दिन का सार्थक उपयोग क्या हो सकता है ?" इत्यादि कुछ ऐसे सशक्त प्रश्न है जो आपके संसाधनों को विस्तारित करते हैं |
समस्याओं को हल करने वाले प्रश्न -
समस्याएं,व्यक्ति के जीवन की राहों में आने वाले वे उपहार है जो कम या अधिक मात्रा में हर एक को मिलते हैं | अंतर यह है कि हर व्यक्ति का इन उपहार के प्रति नजरिया अलग-अलग होता है | "अवैकेन द जाइंट विदीन " में एंथोनी रॉबिंस के द्वारा पांच प्रश्नों की एक सूची अनुशंशित की है जिनके द्वारा किसी भी समस्या को हल किया जा सकता है | यह प्रश्न सूचि निम्नानुसार है-
@ इस समस्या में क्या अच्छी बात है ?
@ इस समस्या में ऐसा क्या है जिस पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है या सुधार किया जाना आवश्यक है ?
@ मैं इस समस्या के समाधान के लिए क्या कर सकता हूं ?
@ मुझे इस समस्या के समाधान के लिए क्या नहीं करना है ?
@ मैं इस समस्या के हल करने की प्रक्रिया के दौरान इसका आनंद कैसे उठा सकता हूं या इसे रोचक कैसे बना सकता हूं ?
दोस्तों, हमारे पास समस्या को हल करने वाले संसाधन हमेशा से मौजूद होते है परन्तु हम स्वयं से कमजोर करने वाले प्रश्न कर समाधान तक पहुँच नहीं बना पाते है | अगर आप नियमित रूप से इन पांचो प्रश्नों का उपयोग करेंगे तो समस्या समाधान के साथ-साथ मनचाहे संसाधनों तक आपकी पहुंच भी सहजता से हो जाएगी |
सुबह एवं शाम स्वयं से किए जाने वाले कतिपय शक्तिशाली प्रश्न -
हर व्यक्ति प्रतिदिन सुबह एवं शाम खुद से ऐसे प्रश्न करें जो उसके जीवन को अधिक आनंदित,प्रसन्न,उत्साहित, गर्वित,प्रेममय एवं आभार पूर्ण बनाएं | याद रखें आपके प्रश्न जितने गुणवत्तापूर्ण होंगे,आपका जीवन भी उतना ही गुणवत्तापूर्ण होगा |
प्रातःकालीन प्रश्न - ये प्रश्न महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इन्हें प्रतिदिन दैनिक कार्यकलापों के समय पूछा जा सकता है जिससे आपकी भावनाये बेहतर होकर आपका दिन भी बेहतर होगा |
@ मैं अपने जीवन में किस बात के लिए प्रसन्न हूँ ? यदि मैं प्रसन्न होना चाहूं तो किस बात के लिए प्रसन्न हो सकता हूं ? मेरे जीवन में ऐसा क्या है जो मुझे खुश करता है ?
@ मैं अपने जीवन में किस बात के लिए उत्साहित हूँ ? मेरे जीवन ऐसा क्या है जो मुझे उत्तेजित करता है ?
@ मैं अपने जीवन में किस बात के लिए आभारी हूँ ? और यह मुझे कैसा अनुभव देता है ?
@ मेरे जीवन में ऐसा क्या है जिस पर मुझे गर्व है ?
@ मेरे जीवन में ऐसा क्या है जिसका मैं पूरा आनंद लेता हूँ ?
@ मैं अपने जीवन में किस बात के लिए वचनवद्ध हूँ ?
हो सकता है इन प्रश्नों के उत्तर देने में आपकी भावात्मक स्थिति के सही नहीं होने के कारण परेशानी आये जैसे आप खुद से प्रश्न करते है " मैं अपने जीवन में किस बात के लिए प्रसन्न हूँ ? आपका उत्तर हो सकता है - "किसी बात के लिए नहीं" | ऐसे में आप अगला सवाल यह करे कि " यदि मैं अभी प्रसन्न होना चाहूं तो किस बात के लिए प्रसन्न हो सकता हूँ " उक्त सभी प्रश्न आपके केंद्र को बदलने का काम कर आपको अच्छा महसूस कराएँगे |
सांयकालीन प्रश्न -
@ आज मैंने अपने इस ग्रह एवं इसके रहवासियों को स्वस्थ,सुंदर एवं सुरक्षित बनाने के लिए अपना क्या योगदान किया ?
@ आज मैंने क्या नया सीखा ?
@ आज मैंने किस तरह अपने जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाया ?
आप जीवन में वास्तविक बदलाव चाहते हैं तो इन प्रश्नों को अपनी दिनचर्या का एक अंग बना ले,आपका जीवन अपने आप समृद्ध होता जाएगा |
सही एवं शक्तिशाली प्रश्नों से आप दूसरों की भी मदद कर सकते हैं | -
गुणवत्तायुक्त प्रश्नों से न केवल आप स्वयं की मदद करते हैं बल्कि दूसरों को भी समस्या समाधान के रास्ते पर ले जा सकते हैं | तरीका यही है कि पहले उस व्यक्ति की भावात्मक अवस्था को ठीक करें | इसके लिए पहले आपको उससे प्रातःकालीन प्रश्न करने हैं ताकि उसकी मनोदशा ठीक हो सके और फिर समस्या-समाधान प्रश्नों से उसे समाधान के रास्ते पर ले जाये |
नियति को बदलने वाले प्रश्न-
दोस्तों,कुछ प्रश्न इतने शक्तिशाली होते हैं जो यदि सही समय पर किए जाएं तो आपकी नियति तक को बदलने की क्षमता रखते हैं | याद रखे जो प्रश्न आप स्वयं से नहीं कर पाते है वे भी आपकी नियति को आकार देते है | किसी भी चुनौती का सामना करते समय दो प्रश्न जरूर अपने आप से करें | प्रथम "इसमें क्या अच्छी बात है ?" और द्वितीय " मैं इसका प्रयोग कैसे कर सकता हूं ?"
जीवन के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न नीचें दिए जा रहें हैं जो हर व्यक्ति को अपने आप से करने चाहिए-
@ मेरा जीवन किस बारे में है ?
@ मैं किस बात के लिए संकल्पित हूँ ?
@ मैं इस धरती पर क्यों हूँ ?
@ मैं कौन हूँ ?
निश्चित माने यदि आप अंतःकरण की गहराइयों से प्रश्न करते रहे तो ब्रह्मांड इसका उत्तर अवश्य देगा और जिस दिन आपको उत्तर प्राप्त होगा उस दिन आपकी नियति बदल जाएगी |
दोस्तों आपके द्वारा खुद से किये जाने वाले प्रश्न ही यह तय करते हैं कि आप रिएक्टिव है या प्रोएक्टिव | "प्रोएक्टिव" होने को ही "स्टीफन आर कवी " के द्वारा अति प्रभावशाली लोगों की प्रथम आदत (गुण ) बताया है |
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