आपके पास है ईश्वर का वह उपहार जिससे आप जो चाहे वह प्राप्त कर सकते हैं |
withrbansal मानव मस्तिष्क-पृथ्वी ग्रह की एक परम महाशक्ति
दोस्तों, ईश्वर के द्वारा आपको इस पृथ्वी पर एक ऐसा शानदार उपहार प्रदत्त कर भेजा गया है जिससे यहाँ आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं है,जी हां दोस्तों,हम बात कर रहे हैं आपके दोनों कानों के मध्य स्थित इस असाधारण एवं चमत्कारिक यंत्र यानी आपके मस्तिष्क की | इस संसार में बाकी सब कुछ तो परिमित है लेकिन हमारा दिमाग एक ऐसा इकलौता संसाधन है जो अनंत एवं अपरिमित है जिसकी रचनात्मकता,कल्पना शक्ति,दृढ़ संकल्प,सोचने,तर्क करने,समस्या समाधान अथवा सीखने की क्षमता की कोई सीमा नहीं है |
दोस्तों,जब इतनी अलौकिक शक्ति हमारे पास है तो क्यों हम अपने सपनों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं या लक्ष्यों से दूर होना महसूस कर रहे हैं ? शोधों में इसके मुख्यतः तीन कारण गिनाए गए हैं -प्रथम-आपकी मानसिकता, द्वितीय-प्रेरणा का अभाव और तृतीय-आप के तरीके |
प्रथम-आपकी मानसिकता-
यहाँ मानसिकता से तात्पर्य यह है कि आप अपने आप में और अपनी क्षमताओं में कम विश्वास करते हैं | इसके कई कारण हो सकते हैं | हमारे द्वारा बचपन में ही अनजाने में न जाने कितनी प्रतिभाओं का गला घोट दिया जाता है | माता-पिता,परिवार जन,सगे-संबंधी,स्कूल,खेल ग्राउंड और यहां तक कि समाज के प्रबुद्धजनों द्वारा भी बच्चों पर "मूर्ख,भोंदू भौंट दिमाग "जैसे शब्दों का प्रयोग कर उसके भविष्य रूपी वृक्ष को अंकुरित होने से पूर्व ही नष्ट कर दिया जाता है |
आवेश या क्रोध में कई बार हम अपनी स्वयं की संतान के प्रति " मुझे पता है तुम जीवन में कुछ नहीं कर सकते हो " जैसे कठोर शब्दों का प्रयोग कर जाते हैं | अक्सर जब हम किसी व्यक्ति या चीज पर कोई टैग लगा देते हैं तो वह उसकी सीमा बन जाता है | चीजों पर तो ठीक है लेकिन जब बच्चों पर यह टैग लगाए जाते हैं तो यह टैग बहुत जल्द ही बच्चों की आंतरिक आवाज में बदल जाते हैं | इसके अलावा बचपन से लेकर बड़े होने तक स्कूल,कॉलेज,समाज व अन्य स्रोतों से लगातार हमारे दिमाग में लक्ष्यों के विरुद्ध इतनी गलत सूचनाएं प्रवाहित की जाती है कि हम इन्हें सच मानकर प्रयास करना ही छोड़ देते हैं | हमारे दिमाग में गहराई से अपनी पैठ जमाए ये मिथक यथा " गलतियां करने वाले असफल होते हैं " "नई चीजों को सीखना बेहद कठिन है " "बुद्धिमान पैदाइशी होते हैं " " पैसा कमाना आसान नहीं है " इत्यादि हमारी बाउंड्रीज बन जाते हैं |
मानसिकता बदलने के लिए सबसे पहले आप अपनी इन स्वचालित नकारात्मक धारणाओं यथा "आप कुछ नहीं कर सकते " "आपकी कुछ करने की उम्र नहीं रही" या "आप पर्याप्त स्मार्ट नहीं है " इनको पहचान कर तथ्यों के साथ उनका सत्यापन करें और यदि यह सही नहीं पाई जाए तो नई मानसिकता बनाएं | लेकिन यह ध्यान रखें कि कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता तथा कोई भी व्यक्ति हर बार सही नहीं होता |
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द्वितीय-प्रेरणा का अभाव -
प्रेरणा का सीधा संबंध आपके लक्ष्यों,उद्देश्यों एवं जुनून से है | "लक्ष्य " वह बिंदु है जिसे कोई व्यक्ति पाना चाहता है और उद्देश्य पाने का वह कारण है जिसे दुनिया के साथ बांटने के लिए आप इस धरती पर आए हैं | जुनून आपको आंतरिक खुशी प्रदान करता है | आपके लक्ष्य हमेशा SMART एवं आपके HEART के करीब होने चाहिए | SMART यानी आपके लक्ष्य स्पेसिफिक,मेजरेबल,एप्लीकेबल,रियल एवं टाइम बाउंड हो | HEART से तात्पर्य इनका health-pro, everlasting, attractive, relevant and true होना जरुरी है | इसके लिए साइमन सिनेक की "start with why " बेहद उपयोगी है |
तृतीय-आपके तरीके -
हो सकता है आप अभी भी उन परंपरागत तरीकों का प्रयोग कर रहे हैं जो वर्तमान परिस्थितियों में प्रभावी नहीं है |
@ आपका मस्तिष्क असाधारण शक्ति-संपन्न है -
दोस्तों,आप अभी अपने जीवन के किसी भी स्तर पर क्यों ना हो,आपके अपने परिवार,संस्कृति एवं जीवन ने आपके लिए जो भी सीमा रेखा क्यों ना बना दी हो आप इससे आगे बढ़ सकते हैं बशर्ते आप अपने मस्तिष्क का सही प्रयोग करें | आपका मस्तिष्क असाधारण है |इस ब्रह्मांड में एक जैसे दो मस्तिष्क नहीं हो सकते हैं | इस धरती पर मौजूद किसी भी कंप्यूटर की तुलना में यह न केवल तेजी से प्रोसेस करता है वरन इसकी स्टोरेज क्षमता भी अनंत होती है | इसकी सबसे बड़ी खासियत है-न्यूरोप्लास्टिसिटी अर्थात ब्रेन प्लास्टिसिटी | आप अपने मस्तिष्क को अपनी इच्छाओं के अनुरूप न केवल ढाल और आकार दे सकते हैं, वरन इसकी क्षमता को भी जितना चाहे बढ़ा सकते हैं |
दोस्तों,स्मृति सुधार विशेषज्ञ" जिम क्विक" के द्वारा अपनी पुस्तक "लिमिटलेस " में आपके मस्तिष्क को अपग्रेड करने के लिए कुछ छोटे-छोटे तरीके दिए गए हैं | मेरा मानना है कि यदि आप इन्हें अपनाएंगे तो आप जीवन के सभी क्षेत्रों में अपनी सीमाओं को तोड़कर आगे बढ़ने में सक्षम हो सकेंगे |
1-पोमोडोरो तकनीक (pomodoro technique)-
"फ्रांसिस्को सिरिलो "द्वारा विकसित यह "पोमोडोरो तकनीक "इस विचार पर आधारित है कि हमारी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता की एक समय सीमा है | यदि इस सीमा से ज्यादा समय हम किसी कार्य में लगाए तो लगाए गए समय के अनुपात में लाभ प्राप्त नहीं होंगे | पोमोडोरो तकनीक में इस समय सीमा को आदर्श रूप में 25 मिनट माना गया है | इस तकनीक के अनुसार किसी कार्य को करते समय या अध्ययन करते समय प्रत्येक 25 मिनट के उपरांत 5 मिनट का विराम ले | प्रत्येक 25 मिनट के इस खंड को " पोमोडोरो " कहा गया है | चार पोमोडोरो के उपरांत 15 से 20 मिनट का एक लंबा विराम ले | विराम के दौरान आप अपनी आंखों को रिलैक्स करें,स्ट्रेच एक्सरसाइज कर शरीर के तनाव को घटाएं,मिनी मेडिटेशन करें अथवा घर के कोई छोटे-मोटे कार्य करें |
पोमोडोरो तकनीक ध्यान केंद्रण पर " प्राईमेसी एंड रीसेंसी इफेक्ट " के अनुरूप है जो यह बताती है कि किसी लेख की शुरुआती और आखिर की पंक्तियां याद रहती है | इस तकनीक से आपकी एकाग्रता बढ़ेगी जिससे आउटपुट एवं टाइम मैनेजमेंट बेहतर होगा |
2-FASTER मेथड का प्रयोग करें -
किसी भी चीज को जल्दी सीखने अथवा याद करने के लिए इस मेथड का प्रयोग किया जाता है | इसमें -
F for Forget-
"जिम क्विक " ध्यान केंद्रित करने के लिए तीन चीजों को भूलने के लिए कहते हैं | प्रथम-जो चीज आप पहले से जानते हैं उसे भूल जाए | हमें अक्सर किसी विषय के बारे में वास्तविक रूप से जितना जानते हैं उससे कहीं ज्यादा जानने का भ्रम रहता है | यह भ्रम हमें नई जानकारी को ग्रहण नहीं करने देता है | बच्चे खाली स्लेट जैसे होने के कारण इस भ्रम से मुक्त होते हैं | मस्तिष्क एक पैराशूट की तरह होता है यह तभी काम करता है जब यह खुला होता है | द्वितीय-जो जरूरी या महत्वपूर्ण नहीं है उसे भी भूल जाए | अनावश्यक मल्टी टास्किंग ना करें | तृतीय-आपने अपने स्वयं के बारे में जो कमतर होने संबंधी सीमाएं बना रखी है उन्हें भी भूल जाएं |
A for Act -
सीखने या पढ़ने के दौरान सक्रिय रहने के सभी तरीके अपनाएं यथा-नोट्स ले,अंडरलाइन करें,प्रश्न करें आदि |
S For State -
सीखते समय या अध्ययन करते समय आप शारीरिक,मानसिक एवं भावनात्मक रूप से सही स्थिति में हो |आप का पॉस्चर सही,सहज, शांत एवं उत्साहपूर्ण हो | ऐसे बैठे जैसे आप जीवन बदलने वाली महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने जा रहे हो |आपका पॉस्चर परिणामों को प्रभावित करता है |
T For Teaching-
आप किसी विषय पर महारथ प्राप्त करने के लिए सीखते समय इस इरादे से सीखे कि इसे आपको किसी और को सिखाना है अथवा इसके बारे में कोई प्रस्तुति देनी है |
E For Enter-
आप अपनी "TO DO LIST" में व्यक्तित्व विकास संबंधी चीजें जैसे -एक्सरसाइज ,योग ,प्राणायाम, बुक रीडिंग,सामाजिक सेवा जैसे कार्य अवश्य दर्ज करें |
R For Review -
चीजों को नियमित अंतराल पर दोहराव करने के साथ-साथ नए पाठ से पूर्व पिछले पाठ को रिव्यू अवश्य करें |
3-एक अच्छे ब्रेन डाइट का उपयोग करें -
न्यूरोसाइंटिस्ट "डॉक्टर लीसा मॉस्कोनी" के अनुसार मानव मस्तिष्क को सर्वोत्तम कार्य करने के लिए 45 पोषक तत्व की आवश्यकता होती है | इनमें से अधिकांश मस्तिष्क स्वयं बनाता है शेष उसके द्वारा भोजन से प्राप्त किए जाते हैं | हमारा मस्तिष्क एक ऐसा वाहन है जिसे ज्यादा माइलेज देने के लिए प्रीमियम क्वालिटी का ईंधन चाहिए होता है | आप अपनी डाइट में नियमित रूप से हरी पत्तेदार सब्जियां,अंडे,हल्दी,अखरोट,एवोकाडो,ब्लूबेरी,ब्रोकोली,डार्क चॉकलेट एवं पर्याप्त पानी को शामिल करें |
4-विपरीत हाथ का प्रयोग करें-
आप सामान्यतः जिस हाथ से काम करते हैं उसके विपरीत हाथ का भी अधिकाधिक प्रयोग करने का प्रयास करें |जैसे- उल्टे हाथ से ब्रश करना, उलटे हाथ से लिखने की प्रैक्टिस,घर-किचन के छोटे मोटे कार्य जिसमें दोनों हाथों का प्रयोग होता है आदि | यह आपके मस्तिष्क के एक अलग हिस्से को उत्तेजित कर आपके आइक्यू लेवल को बढ़ाने के साथ-साथ कठिन कार्यों को करने के लिए प्रशिक्षित करता है | यह वर्तमान ("NOW " ) में रहने का भी एक तरीका है |
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5-दाएं मस्तिष्क का अधिकाधिक दोहन करें-
सामान्यतः लोग बायें मस्तिष्क का ही अधिक प्रयोग करते हैं जो कि तार्किक / शाब्दिक होता है | जबकि मस्तिष्क का दाँया गोलार्ध अंतःप्रज्ञा एवं रचनात्मकता के लिए जिम्मेदार होता है | यदि हम दाँये मस्तिष्क का अधिक प्रयोग करेंगे तो हम इस बात की समग्र तस्वीर देखने में सक्षम होंगे कि हम जीवन में क्या करना चाहते हैं या क्या बनना चाहते हैं | दाँये मस्तिष्क के दोहन के प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता "स्टीफन आर0 कवी" द्वारा दो प्रमुख तरीके बताये हैं | प्रथम-कल्पना शक्ति का प्रयोग एवं द्वितीय-विजुलाइजेशन एवं संकल्प |
कल्पना शक्ति का प्रयोग-
इसके लिए आप अपने विवाह की 25 वीं या 50 वीं वर्षगांठ की काल्पनिक तस्वीर देखें,रिटायरमेंट के बाद के जीवन की कल्पना करें अथवा लोगों को अपनी श्रद्धांजलि सभा में बोलते हुए देखें | ऐसी कल्पना में ज्यादा से ज्यादा भाव एवं भावनाएं शामिल करें | इससे जीवन में महत्वपूर्ण क्या है यह पता चलने के साथ साथ आपकी चाहत एवं जीवन मूल्य स्पष्ट हो जाते हैं,आपका दृष्टिकोण विस्तृत होता है |
विजुलाइजेशन एवं संकल्प-
"डॉक्टर चार्ल्स गारफील्ड" के शोध के नतीजे बताते हैं कि लगभग सभी विश्व स्तरीय खिलाड़ी एवं बिजनेस टाइकून विजुलाइजेशन करते थे | अपनी विजय को देखते थे,उसे महसूस करते थे,उसे वास्तव में कर दिखाने से पहले उसका अनुभव करते थे | इसी प्रकार नियमित रूप से रात को सोने जाने से पूर्व एवं प्रातः जगते ही किए जाने वाले "संकल्प "(AFFIRMATION ) भी अवचेतन के माध्यम से आपके जीवन में प्रकट होने लगते हैं |
6-ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाएं-
आपकी एकाग्रता यानी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता ही आपकी सफलता को तय करती है | दुर्भाग्य से किसी भी स्कूल में "ध्यान "की कोई कक्षा आज भी आयोजित नहीं की जाती है | ध्यान केंद्रित करने हेतु निम्न तरीके कारगर है -
@ प्रतिदिन 20 मिनट मेडिटेशन अवश्य करें | विधि कोई भी अपना सकते हैं | यदि दिन में कार्य के दौरान ध्यान भंग हो तो 4-4-8 या गहरी सांस लेने की तकनीक का प्रयोग करें |
@ मल्टीटास्किंग बिल्कुल ना करें | एक समय था जब इसे "बुद्धिमता" माना जाता था लेकिन वर्तमान अध्ययनों में यह प्रमाणित हुआ है कि यह आपके मस्तिष्क के लिए सबसे घातक एवं कार्य करने का सबसे घटिया तरीका है | एक समय में एक ही कार्य करें चाहे वह महत्वपूर्ण हो या ब्रश करने जैसा साधारण कार्य |
@ प्रत्येक कार्य को चाहे वह किसी से वार्तालाप हो या अन्य कोई दैनिक क्रियाकलाप,पूर्ण जागरूकता से करें | ध्यान भंग हो तो इच्छाशक्ति का प्रयोग कर ध्यान केंद्रित करें | धीरे-धीरे यह आपका प्राकृतिक स्वभाव बन जाएगा |
@ अपने आसपास कार्य से संबंधित चीजें ही रखें, ध्यान भंग करने वाली समस्त सामग्री को हटा दें | यदि कंप्यूटर पर कार्य कर रहे हैं तो सभी अनावश्यक ऐप अथवा खुली हुई टैब को बंद कर दें |
7-कार्य को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट कर पूरा करें-
किसी भी जटिल कार्य अथवा लंबे कंटेंट को याद करना है तो सबसे बेस्ट तरीका है-उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट कर,उस पर कहीं से भी कार्य करना शुरू कर दें | चाहे उस कार्य को पूरा करने के लिए आपके पास पर्याप्त ऊर्जा या प्रेरणा ना हो | विश्व प्रसिद्ध पुस्तक "टिनी हैबिट्स" के लेखक "बी0 जे0 फॉग" इसके प्रबल समर्थक हैं |
8-एक्सरसाइज,पर्याप्त नींद,स्वच्छ वातावरण,नई चीजें सीखना एवं एक अच्छा सोशल नेटवर्क-
@ एक्सरसाइज एवं मस्तिष्क की कार्यप्रणाली गंभीरता से जुड़ी हुई है | प्रतिदिन 15 मिनट की एरोबिक एक्सरसाइज पर्याप्त है |
@ सही समय पर पर्याप्त एवं अच्छी नींद आपके ब्रेन को जटिल कार्यों के लिए तैयार करती है |
@ मस्तिष्क के लिए साफ स्वच्छ वातावरण अति आवश्यक है | कमरे में हवा को साफ करने वाले उपकरणों का प्रयोग किया जा सकता है |
@ नई चीजें सीखते रहना न्यूरोप्लास्टिसिटी का ही घटक है | जैसे-कोई नई स्किल, नई भाषा या नई संस्कृति को अपनाना आदि |
@ प्रेरक वक्ता " जिम रॉन "के अनुसार आप उन पांच व्यक्तियों के औसत हैं जिनके साथ आप सबसे अधिक वक्त बिताते हैं | आपके साथी न केवल आपकी बाहरी आदतें बदलते हैं वरन यह आपकी आत्मचर्चा तक को प्रभावित करते है |
9-सूंघने की शक्ति का प्रयोग करें-
रोजमैरी की खुशबू स्मृति को तो पिपरमिंट एवं नींबू एकाग्रता को बढ़ाते हैं | जिस विशिष्ट खुशबू के साथ आप परीक्षा या किसी प्रस्तुति की तैयारी करते हैं उसी खुशबू के साथ यदि परीक्षा या प्रस्तुति दी जाए तो परिणाम बेहतर प्राप्त होते हैं |
10-पसंदीदा "बारोक संगीत "का प्रयोग करें(BAROQUE MUSIC )-
संगीत,शारीरिक,मानसिक,भावनात्मक लय, एकाग्रता एवं ध्यान को बढ़ाकर जटिल चीजों को सीखने में सक्षम बनाता है | छात्रों हेतु "बारोक संगीत" काफी उपयोगी है | यह छात्रों को अल्फा ब्रेनवेव स्टेट में गहरी एकाग्रता में ले जाता है | बैकग्राउंड के लिए इसे आप अमेजन या एपल म्यूजिक से डाउनलोड कर सकते हैं |
11-सिमुलेशन तकनीक अपनाएं-
जिस प्रकार से अंतरिक्ष यात्री को प्रशिक्षण दिया जाता है उसी प्रकार आप परीक्षा हाल या प्रस्तुति कक्ष जैसी स्थितियां सिम्युलेट कर तैयारी करें तो परिणाम सकारात्मक प्राप्त होंगे |
12-सुनने में अपना शत-प्रतिशत लगाएं-
अध्ययनों में यह पाया गया है कि मानव मस्तिष्क सूचना के रूप में लगभग 400 शब्द प्रति मिनट ग्रहण कर सकता है जबकि एक सामान्य वक्ता 125 शब्द प्रति मिनट दर से बोलता है | ऐसे में हमारे मस्तिष्क का लगभग दो तिहाई से ज्यादा हिस्सा किसी अन्य कार्य में उलझा होता है | शत-प्रतिशत सुनने की क्षमता का प्रयोग करने हेतु सुनते समय वक्ता के शरीर की भाषा,उसके चेहरे के हाव भाव,अभिव्यक्ति कौशल पर ध्यान देने से ग्रहण करने का प्रतिशत बढ़ जाता है | स्वयं को वक्ता के स्थान पर रखकर सुने ताकि आप वह महसूस कर सके जो कि वह कहना चाहता है |
13-याद रखने की ट्रिक का प्रयोग करें-
याद रखने की परंपरागत तकनीक "रॉट लर्निंग "(रटना ) में मस्तिष्क के एक छोटे से हिस्से के ही संलग्न होने के कारण प्रभावी नहीं है | इसके स्थान पर मस्तिष्क के विश्लेषणात्मक हिस्से को याद करने में प्रयोग करें |
जैसे-सूचनाओं को एक कहानी के रूप में प्रयोग कर याद कर सकते हैं | जिस बात को याद करना चाहते हैं उसे उसके संदर्भ से जोड़े ,जैसे किसी का नाम याद करना है तो उसके व्यवसाय से जोड़ सकते हैं | इसी प्रकार किसी भी नई जानकारी को सीखने के लिए उसे किसी ऐसी चीज से जोड़े जिसे आप पहले से जानते हैं | उसके रंग रूप,गंध इत्यादि | सूचनाओं को भावनाओं,स्थानों से जोड़कर याद करेंगे तो याद रहने की संभावना काफी बढ़ जाती है | याद करने हेतु कल्पना शक्ति का प्रयोग करें क्योंकि एक तस्वीर हजारों शब्दों से अधिक प्रभावी है |
14-स्पीड रीडिंग-
पढ़ना,आपके मस्तिष्क को गतिशील कर स्मृति सुधार करता है | जब आप पढ़ रहे होते हैं तो आपका मस्तिष्क एक साथ कई कार्य को अंजाम देता है | यहां पर आपके पढ़ने की स्पीड महत्वपूर्ण है | औसत व्यक्ति की पढ़ने की गति 150 से 200 शब्द प्रति मिनट होती है दूसरी तरफ पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी प्रति मिनट 500 से 1200 शब्द प्रति मिनट पढ़ने में सक्षम थे |
सामान्यतया लोगो के धीमी गति से पढ़ने के मुख्य कारणों में-प्रथम- पढ़ते समय बिना सोचे समझे पीछे जाना (बैक स्किप )और दोबारा पढ़ना | द्वितीय- पढ़ने के लिए अभी भी बचपन की स्किल का प्रयोग करना | तृतीय- पढ़ते समय आंतरिक स्वरउच्चारण अर्थात मन में शब्दों का उच्चारण करना | यह सब पढ़ने की प्रक्रिया को बाधित कर आप को धीमा कर देते हैं |
आपके पढ़ने की स्पीड को बढ़ाने के लिए निम्न तरीकों का उपयोग कर सकते हैं -
@ पढ़ते समय "विजुअल पेसर" के रूप में पेंसिल,मार्कर अथवा उंगली का प्रयोग करें | अध्ययनों से पता चला है कि पढ़ते समय उंगली का प्रयोग आप की गति को 25 से 100 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है | कारण यह है कि इस प्रक्रिया में एक अन्य इंद्रिय (स्पर्श )का प्रयोग होता है | इससे आपका पीछे जाना एवं दोहराना कम हो जाता है |
@ पढ़ने में परिधीय दृष्टि (peripheral vision ) का प्रयोग करें एवं इसका विस्तार भी करें | पूरी लाइन को शब्दवाइज न पढ़े क्योंकि आपका दिमाग शब्दों को बोलने से पहले ही पहचान एवं समझ लेता है,बोलने से स्पीड कम हो जाती है | आप एक समय में 5 से 7 शब्दों को पढ़ सकते हैं | एक समय में एक शब्द को देखने के बजाय दो शब्दों के बीच के स्थान को देखने का अभ्यास करें | परिधीय दृष्टि का विस्तार करने के लिए आंखों की मांसपेशियों की एक्सरसाइज कर सकते हैं | यह निम्न प्रकार है -
इस प्रक्रिया में आप एक अच्छी रोशनी वाले कमरे में आराम से बैठ जाएं | सामने दीवार पर एक स्थान को चुन ले,उस स्थान पर ध्यान केंद्रित करे | सिर को स्थिर रखें एवं अपने दोनों हाथों की तर्जनी उंगलीयों को अपने सिर के बगल में ले जाएं | अब अपनी उंगलियों को हिलाए और आंखों से गति को महसूस करें | अब अपने हाथों को धीरे-धीरे पीछे की ओर ले जाए जब तक की उंगलियां आपकी दृश्य सीमा से बाहर ना हो जाए | फिर उन्हें वापस आगे की ओर तब तक लाए जब तक कि वे फिर से ना दिखने लगे | इस प्रक्रिया को तीन से चार बार दोहराए | ध्यान रहे इस प्रक्रिया में दीवार पर चुने हुए स्थान से ध्यान नहीं हटाना है |
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@ आंतरिक स्वरोच्चारण को रोकने के लिए पढ़ते समय "च्युंगम " का प्रयोग कर सकते हैं |
@ टाइमर लगाकर नियमित रूप से पढ़ने की स्पीड को बढ़ाने का प्रयास करें | ऐसा करते समय कंटेंट को समझने की चिंता ना करें |
@ पढ़ते समय टेबल पर पुस्तक सपाट रखने की बजाय खड़ी स्थिति में रखें | क्योंकि सीधा रखने से एक तो आंखों पर दबाव पड़ता है दूसरे इससे आपके शरीर में ऑक्सीजन प्रवाह बाधित होता है |
अंत में दोस्तों आपने चाहे सपने देखे हो या नहीं,आप न केवल सपने देख सकते हैं,वरन उन्हें पूरा भी कर सकते हैं | शर्त यही है कि आपको अपनी मानसिकता,प्रेरणा एवं तरीकों में बदलाव लाना होगा | ध्यान रहे बेहतर दिशा में उठाया गया एक कदम आपकी मंजिल को पूरी तरह से बदल सकता है |
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