शारीरिक एवं मानसिक फिट रहने हेतु 7 गोल्डन हैबिट्स
withrbansal शारीरिक एवं मानसिक मजबूत कैसे बने :-
प्रतिदिन नियमित रूप से कम से कम 20 मिनट मेडिटेशन अवश्य करें| मेडिटेशन का सबसे उत्तम समय प्रातकाल अथवा रात को सोते समय है | मेडिटेशन से शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूती के साथ-साथ मस्तिष्क शांत हो जाता है एवं हृदय खुल जाता है ,क्रोध का शमन हो जाता है, जीवन में स्पस्टता आ जाती है |
रोजाना कम से कम एक या दो पेज लिखने की आदत भी जरूर अपनाएं | आप अपने सपनों के बारे में लिख सकते हैं, अपने जीवन में जिन चीजों या बातों के बारे में ईश्वर के आभारी हो उनकी सूची बना सकते हैं, अपनी पसंद, खासियतो या उपलब्धियों की भी सूची बना सकते हैं समय-समय पर इन्हें अपडेट भी करते रहे | इसके अलावा आप अपनी रूचि के विषयों पर भी कुछ नियमित रूप से लिख सकते हैं | जो पुस्तकें आपके द्वारा पढ़ी गई है उनकी समीक्षा भी लिख सकते हैं, दैनिक डायरी लिख सकते हैं | कहने का तात्पर्य यह है कि कुछ ना कुछ लिखे जरूर | क्योंकि यदि आप नियमित रूप से लिखते रहें तो एक दिन यह आपका ऐसा खजाना साबित होगा जो किसी भी धन-संपत्ति से कही अधिक मूल्यवान होगा | आप अपने दुःखो, पीड़ाओं एवं निराशाओं पर भी लिख सकते है लेकिन इन्हे लिख कर फाड़ जरूर देवे इससे आपकी नकारात्मकता धीरे धीरे ख़त्म हो जाएगी |
कुछ छोटी-छोटी बातें ऐसी है जिन्हें यदि हम नियमित रूप से अपनाएं तो यह हमारे जीवन में परिवर्तन बहुत बड़ा लाती है | यथा -नए रंग एवं नयी स्टाइल के कपडे ट्राई करे, नयी हेयर स्टाइल अपनाये ,अच्छा महसूस कराने वाले कपड़े पहनें ,वर्ष में दो बार बाहर घूमने का प्रोग्राम बनाये ,नए मित्र बनाये ,मित्रो के साथ मस्ती करे ,मनपसंद गाने सुनें, सतुंलित खानपान, अनिवार्य ब्रेकफास्ट ले ,आंवले का किसी भी रूप में नियमित उपयोग करे, लोगो की प्रशंशा करे, सपने देखें, धन्यवाद ज्ञापित करे, जरुरतमंदो की मदद करे, दान दे, प्रकृति के साथ कुछ समय बिताये आदि |
दोस्तों, वर्तमान भागदौड़ ,शारीरिक श्रमरहित एवं तनावयुक्त लाइफस्टाइल से हर व्यक्ति के लिए स्वयं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ एवं फिट रखे रखना एक बहुत बड़ी चुनौती बनता जा रहा है | चाहे व्यवसायी हो या नौकरीपेशा कोई भी हो, उसे समझ नहीं आ रहा है कि कैसे इस भौतिकवादी युग में अपने आप को न केवल शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ,फिट एवं मजबूत बनाये साथ ही वह कार्य करने हेतु पर्याप्त रूप से ऊर्जावान भी बने रहे ? इन चुनौतियों के पीछे जो सबसे बड़ा कारण बताया जाता है वह है - समय का अभाव | इसके अलावा आलस्य, लापरवाही, बहानेबाजी, जानकारी एवं धैर्य का अभावआदि मुख्य हैं | लेकिन सच यह है कि ये सारे कारण सतही है सबसे अहम कारण है वह है- इच्छाशक्ति का अभाव | "जहाँ चाह वहाँ राह" यह हम सब ने सुना है ,दोस्तों, एक बार आपने अपने मन में पक्का कर लिया कि चाहे जो हो जाए मुझे शारीरिक एवं मानसिक रूप से हर हालत में फिट रहना है तो दुनिया की कोई भी ताकत ऐसा होने से नहीं रोक सकती है | कहते है - स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है अर्थात दोनों एक दूसरे को प्रभावित करते हैं और प्रभावित होते हैं | दोस्तों, यहां मैं आपको अपनें स्वयं केअध्ययन एवं अनुभव के आधार पर दैनिक रूप से पालन करने हेतु 7 ऐसे गोल्डन नियम बताऊंगा जिन्हें अपनाकर दावा है कि आप न केवल इनसे शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत होंगे अपितु अथाह ऊर्जा भी प्राप्त कर सकेंगे | शर्त यह है कि इन्हें अपने जीवन में एक आदत के रूप में अपनाना होगा |
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- मॉर्निंग वाटर :- सुबह जल्दी उठे | जल्दी उठने के पीछे लॉजिक यह है कि एक तो इससे स्वास्थय सम्बन्धी कई लाभ मिलते हैं साथ ही हमें अपने कार्यों हेतु काफी अतिरिक्त समय भी मिल जाता है | इस अतिरिक्त समय में हम उन कार्यो को कर सकते हैं जिन्हें समय अभाव के कारण चाहते हुए भी नहीं कर पा रहे हैं जैसे कि आपकी कोई हॉबी या पैशन | सुबह उठकर बासी मुँह बिना कुल्ला या मंजन किए ही दो से तीन गिलास सादा या गुनगुना पानी पिए | यदि आपको सूट करता है तो इसमें थोड़ा नींबू एवं शहद भी मिला सकते हैं | बासी मुंह पानी पीने के पीछे कारण यह है कि रात भर सोने से मुँह में जो लार बनती है उसमें एल्कलाइन गुण होते हैं जो हमारे शरीर को डिटॉक्स करने के साथ-साथ कई गंभीर बीमारियों से भी बचाते हैं | जो पानी पिए उसे रात को सोते समय ही किसी ताँबे के पात्र में किसी लकड़ी की टेबल या पाटे पर भरकर रख दे | यदि आपको एसिडिटी, कब्ज या अपच संबंधी शिकायत हो तो सुबह जीरा- पानी भी पी सकते हैं | इसके लिए रात को एक गिलास पानी में एक चम्मच जीरे को भिगोकर रख दें, सुबह उस में अतिरिक्त पानी एवं थोड़ी सी शक़्कर या शहद मिलाकर बिना ब्रश किए ही पीये | दोस्तों, यदि आप उक्तानुसार नियमित रूप से पानी पिएंगे तो निश्चित मानिए कि आपके शरीर पर कभी भी अतिरिक्त चर्बी जमा नहीं होगी ,कब्ज नहीं रहेगी ,कोई गंभीर बीमारी नहीं होगी और आप पूर्णतया स्वस्थ रहेंगे | |
- सूर्य नमस्कार योग :-
दोस्तों, न तो यह नमस्कार है न हीं व्यायाम है और न ही पूजा है बल्कि यह अपने भीतर सूर्य की ऊर्जाओ का समावेश करना है | एक सौर चक्र में लगभग सवा बारह महीने होते है उसी के आधार पर इसमें 12 मुद्राए होती है | आप प्रातः कालीन भ्रमण पर जाएं या न जाए लेकिन किसी भी स्वच्छ,खुले एवं हवादार स्थान पर प्रातः 12 स्टेप युक्त सूर्य नमस्कार अवश्य करें | प्रारंभ में 5 सेट से शुरू करें फिर इसे बढ़ाते हुए 15 से 20 सेट तक ले जाएं | सूर्य नमस्कार न केवल आपको शारीरिक एवं मानसिक रूप से फिट रखेगा बल्कि आपकी ग्रहण शीलता एवं संवेदनशीलता में भी वृद्धि होगी जो कि अंततः आपको आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध करेंगी | आपके जीवन की गुणवत्ता में गुणात्मक वृद्धि होगी |- कपालभाति एवं अनुलोम विलोम प्राणायाम :-
- यूँ तो सांसो पर कार्य करने के कई तरीके बताए जाते हैं लेकिन मैं आपको यहां केवल दो प्रकार के प्राणायाम नियमित करने का सुझाव दूंगा वो है- कपालभाति एवं अनुलोम- विलोम | शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ एवं ऊर्जावान रखने में इन दोनों प्राणायाम का मुकाबला नहीं है | कपालभाति के नियमितअभ्यास से शरीर के टॉक्सिंस दूर होंगे, फेफड़ो की कार्य क्षमता में सुधार होगा, मेटाबोलिज्म बढ़ेगा, वजन कम होगा | अनुलोम विलोम से अवसाद दूर होकर आप मानसिक रूप से मजबूत होगे |
प्रतिदिन नियमित रूप से कम से कम 20 मिनट मेडिटेशन अवश्य करें| मेडिटेशन का सबसे उत्तम समय प्रातकाल अथवा रात को सोते समय है | मेडिटेशन से शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूती के साथ-साथ मस्तिष्क शांत हो जाता है एवं हृदय खुल जाता है ,क्रोध का शमन हो जाता है, जीवन में स्पस्टता आ जाती है |
5 बुक रीडिंग :- दोस्तों, चाहे 2 पेज ही पढ़े ,लेकिन रोजाना पढ़ने की आदत जरूर डालें | यदि रात को सोने से पहले पुस्तकें पढ़ते है तो यह श्रेष्ठ है इससे नींद भी अच्छी आएगी | अच्छी ,प्रेरक ज्ञानवर्धक, प्रसिद्ध लोगों की जीवनी, आत्मकथा अथवा अपनी रूचि के क्षेत्र से संबंधित पुस्तकें एवं अपने रोल मॉडल से संबंधित पुस्तके जरूर पढ़ें | अपनी रूचि से सम्वन्धित पुस्तकें ऑनलाइन सर्च करके ऑनलाइन ही मंगा सकते है |
6 राइटिंग :-
रोजाना कम से कम एक या दो पेज लिखने की आदत भी जरूर अपनाएं | आप अपने सपनों के बारे में लिख सकते हैं, अपने जीवन में जिन चीजों या बातों के बारे में ईश्वर के आभारी हो उनकी सूची बना सकते हैं, अपनी पसंद, खासियतो या उपलब्धियों की भी सूची बना सकते हैं समय-समय पर इन्हें अपडेट भी करते रहे | इसके अलावा आप अपनी रूचि के विषयों पर भी कुछ नियमित रूप से लिख सकते हैं | जो पुस्तकें आपके द्वारा पढ़ी गई है उनकी समीक्षा भी लिख सकते हैं, दैनिक डायरी लिख सकते हैं | कहने का तात्पर्य यह है कि कुछ ना कुछ लिखे जरूर | क्योंकि यदि आप नियमित रूप से लिखते रहें तो एक दिन यह आपका ऐसा खजाना साबित होगा जो किसी भी धन-संपत्ति से कही अधिक मूल्यवान होगा | आप अपने दुःखो, पीड़ाओं एवं निराशाओं पर भी लिख सकते है लेकिन इन्हे लिख कर फाड़ जरूर देवे इससे आपकी नकारात्मकता धीरे धीरे ख़त्म हो जाएगी |
7 अन्य छोटी -छोटी आदतें :-
कुछ छोटी-छोटी बातें ऐसी है जिन्हें यदि हम नियमित रूप से अपनाएं तो यह हमारे जीवन में परिवर्तन बहुत बड़ा लाती है | यथा -नए रंग एवं नयी स्टाइल के कपडे ट्राई करे, नयी हेयर स्टाइल अपनाये ,अच्छा महसूस कराने वाले कपड़े पहनें ,वर्ष में दो बार बाहर घूमने का प्रोग्राम बनाये ,नए मित्र बनाये ,मित्रो के साथ मस्ती करे ,मनपसंद गाने सुनें, सतुंलित खानपान, अनिवार्य ब्रेकफास्ट ले ,आंवले का किसी भी रूप में नियमित उपयोग करे, लोगो की प्रशंशा करे, सपने देखें, धन्यवाद ज्ञापित करे, जरुरतमंदो की मदद करे, दान दे, प्रकृति के साथ कुछ समय बिताये आदि |
यह भी पढ़े -सपनों को कैसे साकार करें
दोस्तों ,कहा जाता है कि यदि किसी भी कार्य को आप लगातार 21 दिनों तक करते है तो वह आपकी आदत बन जाती है इसलिए कृपया आप इक्कीस दिनों तक धैर्यपूर्वक इन्हें अपनाये यकीं मानिये ये आपके जीवन में क्रन्तिकारी साबित होंगे | withrbansal
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Bahut Badiya Sujhav Diya Hai Aapne . Dhanyawaad Ji
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