आपके चलने का तरीका भी आपका जीवन बदल सकता है |
लोंजेविटी वॉकिंग (Longevity walking )- एक स्वस्थ एवं लंबे जीवन का रहस्य
Withrbansal,दोस्तों,यदि जीवन में आप सुख और शांति चाहते हैं तो सबसे पहले जिस चीज पर ध्यान देना होगा वह है- "आपका स्वास्थ्य"| तभी तो भारतीय संस्कृति में जीवन के सात प्रमुख सुखों में "निरोगी काया" को प्रथम सुख का दर्जा दिया गया है | शारीरिक शक्ति ही जीवन है,आपके पास शारीरिक शक्ति उसी अनुपात में होती है जितनी जीवन शक्ति | इसलिए शारीरिक स्थिति को सुधार कर ही जीवन शक्ति को बढ़ाया जा सकता है |
भारत जैसे विकासशील देशों में जहाँ स्वास्थ्य सेवाओं का अमूमन अभाव है या उनका स्तर बहुत ही निम्न है,वहां स्वास्थ संबंधी विषय बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है | ऐसे में हम अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हम दैनिक रूप से अपने ही शरीर का उपयोग करके चिकित्सा उपचार की आवश्यकताओं को काफी हद तक कम या समाप्त कर सकते हैं | बस जरूरत है,थोड़ी सी इच्छा शक्ति एवं प्रयास की |
दोस्तों, यूं तो स्वास्थ्य विषय विशेषज्ञों के द्वारा सेहत के लिए नियमित व्यायाम को रामबाण बताया गया है लेकिन पहली बात तो यह कि यह सब के लिए नहीं है और दूसरा इसे नियमित किया जाना बड़ा मुश्किल है | ऐसे में विशेषज्ञों द्वारा वॉकिंग अर्थात पैदल चलने को सबसे उत्तम वर्कआउट बताया गया है, जिसे किसी भी उम्र के व्यक्ति द्वारा आसानी से किया जा सकता है |
हालांकि एक दिन में कितनी वाकिंग की जानी चाहिए,इस पर अध्ययन चल रहे हैं लेकिन सामान्यतः यह माना जाता है कि 4500 से 7500 कदम प्रतिदिन चलना आपको एक लंबा एवं स्वस्थ जीवन प्रदान कर सकता है | अभी हाल में किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि रोजाना 7000 कदम चलने से कम उम्र में मौत का खतरा 50 से 70 प्रतिशत कम हो जाता है |
वॉकिंग,मनुष्य की सबसे असरदार दवा है | यह संपूर्ण शरीर का व्यायाम है जो 600 से अधिक मांसपेशियों और इनसे जुड़ी 200 से अधिक हड्डियों को गतिमान करता है | चलने से पैरों के तलवों में स्थित तंत्रिकाएँ उत्तेजित होती है, पैरों में रक्त का उचित संचार होता है,मेटाबॉलिज़्म बढ़ता है,मानसिक सेहत में सुधार होता है एवं बढ़ती उम्र पर लगाम लगती है | मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन आपूर्ति होने से पैदल चलने से दिल व दिमाग दोनों स्वस्थ रहते हैं | यह न केवल मस्तिष्क संबंधी बुढ़ापे को रोकता है बल्कि यह मस्तिष्क के आकार को बढ़ा भी सकता है |
आपके चलने का तरीका मायने रखता है -
दोस्तों, वॉकिंग में आपके चलने का तरीका सबसे ज्यादा मायने रखता है | केवल चलने का तरीका मात्र हमारे जीवन में क्रांतिकारी बदलाब ला सकता है | हम में से अधिकतर लोग बिना सोचे समझे चलते हैं,जिसको जैसा आरामदायक लगे, वह वैसे ही चलता है | चलने के बारे में हमें न तो किसी स्कूल-कॉलेज में सिखाया जाता है और न ही परिवार या समाज में | जबकि हमारी जीवन की गुणवत्ता इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपने कदमों को कैसे रखते हैं | सिर्फ चलने के लिए ना चले,क्योंकि चलने से हमारा स्वास्थ्य सीधा जुड़ा हुआ है | पैदल चलने के द्वारा स्वास्थ्य के लिए अधिकतम लाभ प्राप्त करने हेतु एक तकनीक ईजाद की गई है जिसका नाम है- "लोंजेविटी वॉकिंग (Longevity walking ) " | कोरियाई ध्यान शिक्षक "इलची ली "द्वारा वॉकिंग हेतु विकसित इस तकनीक से आप अपने जीवन में आमूलचूल परिवर्तन ला सकते है |
"लोंजेविटी वॉकिंग" या दीर्घायु चाल,चलने का एक सरल व आसान तरीका है | चलने की इस तकनीक में आपको दोनों पैरों को समानान्तर रखकर ( संख्या 11 की तरह )और अपने योंगचुन बिंदुओं (आपके पैरों के गोले के ठीक नीचे स्थित ऊर्जा बिंदु से लेकर अपने पैरों की अंगुलियों तक नीचे की ओर ) पर दबाव बनाते हुए चलना है | तरीका यह है कि सर्वप्रथम आराम से खड़े होकर अपने पैरों के तलवों में पंजों के पास स्थित एक्यूप्रेशर बिंदुओं जिसे "इलची ली" के द्वारा "योंगचुन बिंदु" नाम दिया गया है,पर ध्यान केंद्रित करें | "योंगचुन बिंदु" पैर के निचले भाग में पैर की उंगलियों के बेस से एक तिहाई पीछे की और प्रत्येक पैर के खोखले स्थान पर स्थित है | अपने योंगचुन बिंदुओं और अपने पैरों की अंगुलियों पर ध्यान केंद्रित करके खड़े हो जाइए | इससे आपका शरीर संतुलित हो जाएगा क्योंकि इससे आपका वजन तलवों के माध्यम से फैल जाता है और खिंचाव आपके घुटनों,कूल्हों और पेट के निचले हिस्से तक पहुंच जाता है | अब यह कल्पना करते हुए चलने की कोशिश करें कि आपका शरीर आपके योंगचुन बिंदुओं से लेकर आपके सिर के शीर्ष भाग तक जुड़ा हुआ है |
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लोंजेविटी वॉकिंग (Longevity walking ),सामान्य वॉकिंग से अलग है -
लांजेविटी वॉकिंग (longevity walking) ,सामान्य वाकिंग नहीं है,क्योंकि इसमें पैरों के तलवों में तनाव उत्पन्न होता है जिससे आपका मस्तिष्क सक्रिय हो जाता है | मस्तिष्क से जुड़ी हुई तंत्रिकाएँ सबसे अधिक हमारे पैरों की उंगलियों में केंद्रित होती है | जितने अच्छे तरीके से आप अपने योंगचुन बिंदुओं और अपने पैरों की अंगुलियों को दबाकर चलेंगे उतना ही आपके मस्तिष्क की ओर शक्ति प्रसारित होती है | लोंजेविटी वॉकिंग, एक ऊर्जावान बच्चे जैसी चाल है,जैसे बच्चे जब अपना कदम आगे बढ़ाते हैं तो वे अपना वजन अपने पैरों के अगले भाग पर डालते हुए अपने शरीर को आगे की ओर ऐसे झुका लेते हैं मानो वे आगे की ओर लुढ़कने वाले हो | इलची ली कहते हैं-" यह "चेयरमैन चाल" के विपरीत है जिसमें पीछे की तरफ झुके हुए और वजन एड़ियों पर डाल कर चला जाता है, लोंजेविटी वॉकिंग में तो जीवंत कदम उठाते हुए उत्साहपूर्वक आगे की ओर बढ़ते हैं |
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लोंजेविटी वॉकिंग के फायदे -
@ आपका वजन तेजी से कम होता है,आपके जीवन में जोश एवं उत्साह का समावेश हो जाता है,आप पहले से कहीं ज्यादा हल्के,चुस्त एवं सुंदर बन जाते हैं |
@ आपके घुटनों,पैरों,कूल्हों,कमर एवं पीठ का दर्द गायब हो जाता है,सर्वाइकल, सिरदर्द,माइग्रेन जैसी समस्याएं समाप्त हो जाती है |
@ आपकी नींद संबंधी तमाम समस्याएं दूर होकर नींद कहीं ज्यादा गहरी हो जाती है |
@ आपकी चिंता व तनाव दूर होकर मानसिक शांति प्राप्त होती है |
@ आप नई ऊर्जा एवं जीवन शक्ति से भर जाते हैं,आपकी एकाग्रता एवं परखने की शक्ति बढ़ जाती है |
लोंजेविटी वॉकिंग (LONGEVITY WALKING ) से आप दीर्घायु को प्राप्त होते हैं -
दुनिया भर में जितने भी दीर्घायु वाले गाँव है,वे अधिकतर पहाड़ी क्षेत्रों में ही है | सुबह से शाम तक पहाड़ियों में ऊपर से नीचे चलने में आपका वजन पैरों के अगले भाग पर पड़ता है जिससे ऊर्जा पैरों के तलवों में उतर जाती है, जिससे पैरों का निचला भाग गर्म हो जाता है और शरीर ठंडा हो जाता है | जैसा कि हमारे बुजुर्ग कहां करते हैं कि सिर को ठंडा और पैरों को गर्म रखना,एक स्वस्थ व लंबे जीवन का रहस्य है, लोंजेविटी वॉकिंग से यह संतुलन प्राप्त हो जाता है | आधुनिक युग की अधिकतर बीमारियां ऊर्जा के उल्टे प्रवाह का परिणाम है | शरीर की गरम ऊर्जा सिर तक चढ जाती है जिससे सोच अस्पष्ट होकर एकाग्रता भंग हो जाती है और सिरदर्द व अनिद्रा जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती है |
लोंजेविटी वॉकिंग ( Longevity walking ) में महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें पैरों को संख्या 11 की तरह समानान्तर रखा जाता है |अधिकांशतः अस्वस्थ लोग पैर की अंगुलियों को बाहर की तरफ निकाल कर चलते हैं जिससे उनके शरीर की ऊर्जा धीरे-धीरे बाहर रिसती रहती है |
लंबे समय तक ऐसे चलने से शरीर के भार का गुरुत्व केंद्र बदल जाने से शरीर में कई प्रकार के दर्द उत्पन्न हो जाते हैं लेकिन अगर आप पैरों को समानांतर रखकर एवं पंजों पर अंदर की और दबाव डालते हुए चलते हैं तो आपकी रीढ़ सीधी हो जाती है और ऊर्जा एवं रक्त का सुचारू रूप से प्रवाह होता है |
लोंजेविटी वॉकिंग करते समय आप अपने टेलबॉन क्षेत्र को थोड़ा आगे रखें,जब आप टेलबोन को थोड़ा आगे खींचते हैं तो आपके मलद्वार की मांसपेशियां सिकुड़ जाती है और ऊर्जा आसानी से आपके पेट के निचले भाग में इकट्ठा हो जाती है जिससे पेट का निचला भाग गर्म हो जाता है | ऐसे में टेलबोन से शुरू होते हुए ऊर्जा आपकी रीढ़ के साथ-साथ ऊपर बढ़ती है और पूरे शरीर में रक्त एवं उर्जा संचार बढ़ जाता है |
दोस्तों,व्यस्त पैरों को लंबे जीवन का आधार कहा जाता है,हमारे पैर हमारी जीवन शक्ति के स्रोत है | लोंजेविटी वॉकिंग से आप दैनिक जीवन में बेहद ही सरल व स्वाभाविक तरीके से स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं,जब आप स्वस्थ होते हैं तो निश्चित रूप से आपकी सुख व शांति भी बढ़ जाती है
विडिओ देखे -
Withrbansal @@@@@
Good sir ji
जवाब देंहटाएंVery nice sir
हटाएंThanx
हटाएंThanx
हटाएंGreat Post sir
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