मेडिटेशन :शरीर एवं मन की सीमा से परे जाकर जीने का तरीका
withrbansal मेडिटेशन :तन ,मन और रिश्तों की सेहत को सुधारे

💚मेडिटेशन क्या है एवं क्या नहीं है :-
मैडिटेशन ,क्या है यह जानने से पूर्व यह जानना जरुरी है कि यह क्या नहीं है | ईश्वर की प्रार्थना, मेडिटेशन नहीं है यह प्रभु स्मरण मात्र नहीं है | किसी भी प्रकार की क्रिया यथा सुदर्शन ,सहज योग ,विपश्यना,ध्यान भी नहीं है | यहाँ तक कि किसी वस्तु ,व्यक्ति ,विचार ,शब्द ,मंत्र साँस आदि पर ध्यान केंद्रित करना भी मैडिटेशन नहीं है | ये सब मेडिटेशन के साधन है जबकि मेडिटेशन स्वयं साध्य है | सामान्य लोगो की मेडिटेशन के बारे में धारणा यही होती है कि इसमें आँखे बंद करके कुछ किया जाता है लेकिन यह सच नहीं है ध्यान का मतलब ही कुछ करना नहीं होता है | मेडिटेशन ,एक स्थिति है ,एक दिव्यता का अहसास है | व्यक्ति जब इस स्थिति को प्राप्त करता है तो वह जागरूकता या बोध की विशेष स्थिति में होता है जिससे उसकी जीवन ऊर्जा असीमित रूप से बढ़ जाती है जो अन्ततः मानसिक शांति से लेकर उसके जीवन के सभी आयामों शारीरिक, मानसिक, आर्थिक ,सामाजिक, पारिवारिक इत्यादि को समृद्धता प्रदान करती है |
💚मेडिटेशन क्यों आवश्यक है -
👉 वर्तमान आर्थिक एवं तकनीकी युग में हर व्यक्ति में बढ़ते हुए तनाव एवं अवसाद पर स्थायी रूप से नियंत्रण हेतु |
👉 वर्तमान खानपान एवं जीवन शैली से उत्पन्न बीमारियों डायबिटीज, थायरॉयड ,ह्रदय आघात ,केन्सर ,मोटापा ब्रेन हैमरेज, पाचन तंत्र सम्बन्धी पर नियंत्रण हेतु |
👉 आर्थिक ,पारिवारिक एवं सामाजिक सम्बन्धो में बढ़ते विखराव ,तनाव ,डर ,लालच ,चिंता ,जलन न्यूनता ,नफरत को दूर कर गुणात्मक सुधार हेतु |
👉 आतंरिक अशांति ,रिक्तता एवं अकेलापन को दूर कर जीवन के अर्थ की तलाश कर जीवन को पूर्णता हेतु
💚मेडिटेशन कैसे किया जाता है :-
👉 किसी भी समय पर किया जा सकता है ,सूर्योदय से पूर्व सर्वश्रेष्ठ होता है ,सोने से पहले भी कर सकते है |
👉किसी भी शांत ,सुन्दर एवं प्राक़तिक रमणीय पर्वतीय स्थल या झील ,सरोवर ,समुन्द्र तट श्रेष्ठ है ,एकांत हवायुक्त कमरे में भी किया जा सकता है ,कमरे में प्रकाश थोड़ा कम रखे |
👉 किसी भी अवस्था में बैठकर ,लेटकर, खड़े होकर अथवा चलते -चलते भी मेडिटेशन किया जा सकता है | कार चलाते समय न करे |
👉 किसी भी आरामदायक आसन सुखासन पद्मासन वज्रासन शवासन में कर सकते है ,गर्दन एवं रीढ़ की हड्डी सीधी रहे |
💚मेडिटेशन पूर्व तैयारी :-
ध्यान से पूर्व तन एवं मन का शांत, आरामदायक थकान एवं तनाव रहित होना आवश्यक है यदि समस्या हो तो मैडिटेशन से पूर्व तनाव मुक्ति अभ्यास जरूर करे | इसमें आराम से आंखे बंद कर बैठ जाये ,पैर के अंगूठे से शुरू करे ,अंगूठे को धीरे से हिलाकर ढीला छोड़ दे एवं तनावमुक्त महसूस करे | महसूस करे कि धरती माँ की आरोग्यकारी ऊर्जा आपके अंगूठे से होकर ऊपर की और आ रही है और तनावमुक्त कर रही है | इस प्रकार पैरो से जांघो ,कूल्हों ,पेट ,कमर ,पीठ छाती ,कंधे ,बांहे गर्दन ,मुँह नाक ,कान चेहरे से होते हुए माथे के ऊपरी भाग तक जाये और तनावमुक्त महसूस करे तत्पश्चात मेडिटशन प्रारम्भ करे |
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💚मेडिटेशन के फ़ायदे :-
मन की स्पस्टता ,आतंरिक शांति एवं प्रसन्नता प्राप्त होती है | जीवन की गुणवत्ता में चमत्कारिक वृद्धि | - भौतिक शरीर एवं मन की सीमाओं से परे जाकर जीवन को पूर्ण आयाम में जिया जा सकता है |
- मस्तिष्क पर नियंत्रण प्राप्त होने से एकाग्रता में वृद्धि जिससे लक्ष्य प्राप्ति आसानी से संभव है |
- रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि ,स्वास्थ्य सुधार एवं याद्दाश्त में वृद्धि |
- व्यक्ति घटनाओ एवं परिस्थितियों पर प्रतिक्रिया के स्थान पर रेसपोंड करना सीखता है ,जिम्मेदारी स्वीकार कर अपने भाग्य का निर्माता स्वयं बनता है |
- व्यक्तित्व में संवेदनशीलता ,करुणा, प्रेम, धैर्य ,उदारता ,क्षमा, ग्रहणशीलता इत्यादि गुणों का स्वतः समावेश होता है |
💚मेडिटेशन की तकनीकें :-
क्योंकि मेडिटेशन किया नहीं जाता है, यह तो घटता है या होता है इसलिए मेडिटेशन कोई तकनीक नहीं है, यह तो जीने का एक तरीका है अर्थात होशपूर्वक, जागरूकता के साथ जीना | लेकिन मेडिटेशन या ध्यान की इस स्थिति को प्राप्त करने के लिए कोई न कोई विधि या तकनीक को अपनाना पड़ता है | ओशो ,बुद्ध ,परमहंस योगानंद आनंदमूर्ति इत्यादि भारतीय संतो एवं विद्वानों के द्वारा कई प्रकार की तकनीकें बताई है | तकनीक वही अच्छी है जो हमें आसानी से मेडिटेशन की स्थिति में ले जाये | दोस्तों ,कैसा लगा यह लेख ,कमेंट करे |
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